कौन हैं हरियाणा के रामपाल कश्यप, जिन्हें PM मोदी ने खुद पहनाए जूते और क्यों?
प्रधानमंत्री आज यमुना नगर पहुंचे, जहां उन्होंने रामपाल कश्यप नाम के एक शख्स को जूता पहनाकर सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर की जयंती पर हरियाणा के हिसार में राज्य के पहले एयरपोर्ट यानी महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से अयोध्या के लिए पहली वाणिज्यिक उड़ान को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद उन्होंने इसी हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी। इस मौके पर पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आज हरियाणा से अयोध्या धाम के लिए फ्लाइट शुरू हुई है। अब श्रीकृष्ण जी की पावन भूमि हरियाणा, श्रीराम जी की भूमि से सीधे जुड़ गई है।
इस जनसभा में उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को नष्ट करने वाली पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) को ‘‘दूसरे दर्जे का नागरिक’’ बना दिया था। इसके बाद प्रधानमंत्री यमुना नगर पहुंचे, जहां उन्होंने रामपाल कश्यप नाम के एक शख्स को जूता पहनाकर सम्मानित किया।
कौन हैं रामपाल कश्यप
रामपाल कश्यप हरियाणा के ही कैथल जिले के निवासी हैं। उन्होंने 14 साल पहले कसम खाई थी कि जब तक नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते, और जब तक व खुद पीएम मोदी से नहीं मिल लेते, तब तक जूते नहीं पहनेंगे। आज प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे मुलाकात की और उन्हें अपने हाथों से जूते पहनाए। हालांकि, जब रामपाल को पीएम मोदी जूते पहना रहे थे, तब उन्होंने उनसे कहा कि भविष्य में कभी इस तरह का प्रण मत करना।
PM मोदी ने खुद ट्वीट किया वीडियो
प्रधानमंत्री मोदी ने खद ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, "यमुनानगर में आज की जनसभा में कैथल के श्री रामपाल कश्यप जी से मेरी मुलाकात हुई। उन्होंने 14 साल पहले एक शपथ ली थी कि वे मेरे प्रधानमंत्री बनने और मुझसे मिलने के बाद ही जूते पहनेंगे। मैं रामपाल जी जैसे लोगों के प्रति नतमस्तक हूँ और उनके स्नेह को भी स्वीकार करता हूँ, लेकिन मैं ऐसे सभी लोगों से अनुरोध करना चाहता हूँ जो ऐसी शपथ लेते हैं - मैं आपके प्यार की कद्र करता हूँ...कृपया किसी ऐसे काम पर ध्यान दें जो सामाजिक कार्य और राष्ट्र निर्माण से जुड़ा हो!"
कांग्रेस पर खूब बरसे पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि जब भी कांग्रेस की सरकार को खतरा हुआ, उसने संविधान को ‘‘कुचल दिया’’। उन्होंने अपने दावे की पुष्टि के लिए 1975-77 के आपातकाल का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान की भावना समान नागरिक संहिता की है, जिसे मैं धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता कहता हूं। लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया।’’प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि अगर कांग्रेस को वास्तव में मुसलमानों से हमदर्दी है तो उसे किसी मुसलमान को अपना अध्यक्ष बनाना चाहिए और चुनाव में समुदाय के लोगों को 50 प्रतिशत टिकट देने चाहिए। उन्होंने विपक्षी पार्टी पर तुष्टिकरण की नीति अपनाने का भी आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिए और संविधान भी इसका निषेध करता है, लेकिन कर्नाटक की कांग्रेस नीत सरकार ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के अधिकारों को छीनकर धर्म के आधार पर निविदाओं में आरक्षण दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण की नीति अपनाई, जिससे मुसलमानों में से केवल कुछ ‘‘कट्टरपंथी’’ ही ‘‘खुश’’ हुए, जबकि बाकी समुदाय उपेक्षित, अशिक्षित और गरीब बना रहा। मोदी ने कहा कि कांग्रेस की इस नीति का सबसे बड़ा सबूत 2014 के आम चुनावों से ठीक पहले वक्फ कानून में किए गए संशोधन हैं। मोदी ने कहा, ‘‘आजादी से लेकर 2013 तक वक्फ कानून था। लेकिन चुनाव जीतने और तुष्टिकरण तथा वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस ने 2013 के आखिर में जल्दबाजी में वक्फ कानून में संशोधन कर दिया ताकि उसे (कुछ महीने बाद 2014 में) चुनावों में वोट मिल सके।’’मोदी ने कहा कि कांग्रेस द्वारा किए गए बदलाव ‘‘बाबासाहेब का सबसे बड़ा अपमान’’ हैं क्योंकि उन्होंने आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का उल्लंघन किया।