वक्फ बिल का रास्ता साफ, समर्थन में आईं TDP-JDU; NDA के कौन-कौन दल अब भी चुप
सूत्रों ने बताया कि टीडीपी द्वारा सुझाए गए तीन सुझावों को जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में शामिल कर लिया है और संशोधित बिल में वे सभी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया है कि जेडीयू के भी सुझाव शामिल कर लिए गए हैं।

चर्चित वक्फ संशोधन बिल बुधवार (2 अप्रैल) को लोकसभा में पेश किया जाना है। सत्ताधारी भाजपा ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है और अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर बुधवार को सदन में उपस्थित रहने को कहा है। इस बीच, चर्चा है कि भाजपा के कुछ सहयोगी दल वक्फ बिल के समर्थन पर संशय में हैं। हालांकि, इसी तरह की अटकलों के बीच NDA के बड़े घटक दल तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने साफ कर दिया है कि उसके सांसद बिल के पक्ष में मतदान करेंगे।
इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि सेक्यूलरिज्म की राजनीति करने वाले चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी संशय में है और पहले बिल के उन संशोधनों पर गौर करेगी, जो उनकी तरफ से सुझाए गए थे। सूत्रों ने बताया कि टीडीपी द्वारा सुझाए गए तीन सुझावों को जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट में शामिल कर लिया है और संशोधित बिल में वे सभी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया है कि जेडीयू के भी सुझाव शामिल कर लिए गए हैं और जेडीयू ने भी बिल का समर्थन करने का फैसला किया है। जेडीयू ने भी अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है।
क्या बोले ललन सिंह?
इससे पहले जेडीयू नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा है कि उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड वक्फ संशोधन विधेयक पर अपना रुख संसद में स्पष्ट करेगा। इससे संशय गहरा गया था। हालांकि, अब पटना में जेडीयू की बैठक का बाद स्थिति साफ हो गई है। आज ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ ललन सिंह और संजय झा ने वक्फ बिल पर काफी देर तक मंथन किया था। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने वक्फ विधेयक पर रुख स्पष्ट करने की कांग्रेस की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश कुमार और जेडीयू को धर्मनिरपेक्षता पर कांग्रेस के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।
मांझी की हां पर पासवान चुप
बिहार से एनडीए के एक और घटक दल यानी केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) ने भी बिल के समर्थन का ऐलान किया है लेकिन चिराग पासवान की पार्टी LJP (R) ने अभी तक कुछ खुलकर नहीं कहा है। इसी तरह एनडीए के घटक दल और जयंत चौधरी की पार्टी RLD और महाराष्ट्र में सरकार में शामिल अजित पवार की पार्टी NCP का रुख अभी तक साफ नहीं हो सका है।
आठ घंटे होनी है बिल पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार विधेयक को दो अ्रपैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरन रिजिजू विधेयक के प्रावधानों को लेकर सदन को जानकारी देंगे। रिजिजू ने इस बारे में कहा कि समिति की बैठक में वक्फ संशोधन विधेयक लाने और इस पर चर्चा के लिए समय आवंटित करने पर विचार होने के बाद सहमति बनी है। विधेयक पर आठ घंटे तक चर्चा होगी और जरूरत पड़ने पर समय बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल को इस पर अपनी राय रखनी चाहिए क्योंकि देश उनकी राय सुनना चाहता है। विधेयक के समर्थक और विरोधियों की बात रिकॉर्ड में रहेगी।
बिल के विरोध में कौन-कौन?
विपक्ष की लगातार तीखी आलोचना का विषय बने विधेयक को सरकार ने पिछले सत्र में लोक सभा में तीखी बहस के बाद पुरस्थापित किया था और फिर सदन ने इसे समीक्षा के लिए संसदीय समिति को सौंप दिया था। लोकसभा सदस्य जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति ने इस पर व्यापक चर्चा कराने के बाद लोक सभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट पहले ही प्रस्तुत कर चुकी है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, तृमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हें। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा “वक्फ विधेयक असंवैधानिक है। यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 25, 26 और 29 का उल्लंघन है।