जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मदनी ने कहा, ‘‘जो आशंकाएं व्यक्त की जा रही थीं, वे सही साबित हुईं।
AIMIM के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया कि ये वक्फ बिल मुसलमानों को बर्बाद करने के लिए लाया गया है।
विपक्षी दलों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट को लेकर तीखी नाराजगी जताई और सरकार पर संसदीय प्रक्रियाओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
अब इस मामले में उच्च न्यायालय ने प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए थोड़ा और वक्त दे दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी। बेंच ने कहा, ‘वक्फ अथॉरिटी मैरिज और तलाक के सर्टिफिकेट भी जारी कर रही है? हम आपको इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए और समय नहीं देंगे।’
कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने कहा कि यह लोकतंत्र है और सभी के विचारों को महत्व मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप बहुमत के आधार पर हर चीज पर बुलडोजर नहीं चला सकते। हम इस मामले में आखिरी तक लड़ेंगे। यह संविधान के आर्टिकल 26 का सीधे तौर पर उल्लंघन है।
सोमवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर बनी जेपीसी की रिपोर्ट सौंपी जाएगी। वहीं विपक्षी सांसदों का आरोप है कि पैनल में होकर उन्होंने असहमति नोट दिया था जिसे बिना जानकारी के हटा दिया गया।
नीतेश राणे ने 'ड्रेस कोड' के संबंध में सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट द्वारा लिए निर्णय की सराहना की, जहां छोटे और खुले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा कि दूसरे मंदिरों को भी ऐसा करना चाहिए।
विपक्षी पार्टीयों का दावा है कि मंगलवार को सांसदों को 600 से ज्यादा पन्नों की ड्राफ्ट रिपोर्ट दी गई थी, जिसे पढ़कर अपनी आपत्ति दर्ज कराना लगभग नामुमकिन था।
डीएमके सांसद ए राजा ने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन के लिए हुई जेपीसी बैठक सिर्फ एक मजाक थी। वही हुआ जो एनडीए सांसदों ने पहले से तय किया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी दी।
वक्फ संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने मंजूरी दे दी है। इसमें 14 बदलाव किए गए हैं। विपक्ष की तरफ से कुछ सुझाव दिए गए थे, लेकिन उन्हें स्वीकार नहीं किया गया। बजट सत्र में रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी।