Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court warns Punjab Government over farmer leader Jagjit Singh Dallewal health condition and strike

अगर उन्हें कुछ हुआ तो भुगतना पड़ेगा अंजाम, SC ने किसान आंदोलन पर पंजाब सरकार को क्यों चेताया

पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप का उद्देश्य किसानों की चिंता को दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आवाज सभी हितधारकों द्वारा जोर से और स्पष्ट रूप से सुनी जाए।

Pramod Praveen हिन्दुस्तान टाइम्स, उत्कर्ष आनंद, नई दिल्लीWed, 18 Dec 2024 04:07 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब सरकार को साफ तौर पर चेतावनी दी कि अगर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के साथ कुछ भी अनहोनी होती है तो इसके लिए राज्य की पूरी मशीनरी जिम्मेदार होगी। इसके साथ ही शीर्ष न्यायालय ने किसान नेता डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति का भी संज्ञान लिया और पंजाब सरकार को बिना देरी किए उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने को कहा। डल्लेवाल पिछले 23 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से डल्लेवाल के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए “असाधारण कदम” उठाने का भी अनुरोध किया, जिसमें अस्पताल में भर्ती कराना भी शामिल है।

इसके साथ ही, कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी-शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को हल करने के लिए प्रयास जारी रखने को भी कहा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप का उद्देश्य किसानों की चिंता को दूर करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आवाज सभी हितधारकों द्वारा जोर से और स्पष्ट रूप से सुनी जाए।

इस बीच, पंजाब सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसानों के साथ लगातार विस्तृत बैठकें की गईं, लेकिन उन्होंने शीर्ष अदालत द्वारा गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया। पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने खंडपीठ को सूचित किया कि समिति ने उन्हें 17 दिसंबर को आमंत्रित किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने उनसे बात नहीं की। सिंह ने कहा कि राज्य सरकार प्रतिदिन किसानों को मनाने का प्रयास कर रही है और उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें अपनी मांगों को सीधे अदालत में रखने की अनुमति दी जा सकती है।

इस पर न्यायालय ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट करते हैं कि किसानों द्वारा सीधे या उनके अधिकृत प्रतिनिधियों के माध्यम से दिए गए किसी भी सुझाव या मांग के लिए अदालत के दरवाजे हमेशा खुले हैं।’’ पीठ ने पंजाब के महाधिवक्ता (एजी) गुरमिंदर सिंह से कहा, “अगर कुछ अनहोनी होती है तो पूरी राज्य मशीनरी जिम्मेदार होगी। इसके गंभीर नतीजों पर विचार करें। किसी भी तरह का दबाव महसूस न करें और जो जरूरी है, वह करें। असाधारण परिस्थितियों के लिए असाधारण कदम उठाने की जरूरत होती है।”

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अदालत गुरुवार को दोपहर 2 बजे मामले पर फिर से विचार करेगी। बुधवार को हुई कार्यवाही 13 दिसंबर को अदालत के पहले के आदेश के बाद हुई, जिसमें किसानों के साथ बातचीत करने और डल्लेवाल की भलाई की रक्षा करने का आदेश दिया गया था। 13 दिसंबर के आदेश में किसानों के विरोध करने के संवैधानिक अधिकार को रेखांकित किया गया था, लेकिन "गांधीवादी सिद्धांतों" के अनुरूप शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया था। इसने पंजाब सरकार और अदालत द्वारा नियुक्त उच्चस्तरीय पैनल को मध्यस्थता करने और किसानों की शिकायतों को दूर करने का काम सौंपा, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी की उनकी मांग भी शामिल है।

बुधवार को, जस्टिस कांत ने डल्लेवाल की भलाई के महत्व पर जोर दिया, उन्हें एक "सार्वजनिक व्यक्तित्व" और "जनता का नेता" बताया। कोर्ट ने कहा कि उन्हें किसानों के मुद्दों की प्रभावी ढंग से वकालत करने के लिए स्वस्थ रहना चाहिए। पंजाब के एजी ने अदालत को सूचित किया कि डल्लेवाल के साथ चर्चा जारी है, लेकिन किसान नेता ने डॉक्टरों की सलाह के बावजूद मेडिकल टेस्ट और अस्पताल में भर्ती होने से लगातार इनकार किया है। सिंह ने कहा, "फिलहाल उनकी हालत ठीक है, लेकिन डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें घर के अंदर ही भर्ती कराना हितकर होगा।"

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