Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court permit appeals beyond 90 day limit under 2008 NIA Act CJI Bench rejected NIA Plea

30 क्या 90 दिन बाद भी कर सकते हैं अपील, CJI खन्ना ने दी बड़ी व्यवस्था; खुद NIA की दलीलें कीं खारिज

CJI की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी या पीड़ितों द्वारा दायर अपील इस आधार पर खारिज नहीं की जाएगी कि 90 दिन से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता।

Pramod Praveen भाषा, नई दिल्लीTue, 4 Feb 2025 10:46 PM
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30 क्या 90 दिन बाद भी कर सकते हैं अपील, CJI खन्ना ने दी बड़ी व्यवस्था; खुद NIA की दलीलें कीं खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) अधिनियम, 2008 के तहत आरोपियों या पीड़ितों की अपीलों को केवल इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि 90 दिन से अधिक की देरी के बाद अपील दायर की गई है, इसलिए अपीलकर्ता को माफ नहीं किया जा सकता। देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) अधिनियम की धारा 21(5) की वैधता को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जो निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की समय सीमा से संबंधित है।

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘आरोपी या पीड़ितों द्वारा दायर अपील इस आधार पर खारिज नहीं की जाएगी कि 90 दिन से अधिक की देरी को माफ नहीं किया जा सकता।’’ यह आदेश प्रभावी रूप से वैधानिक प्रतिबंधों को खत्म करता है।

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इस प्रावधान के अनुसार अपील निर्णय, सजा या आदेश के 30 दिन के भीतर दायर की जानी चाहिए और यदि अपीलकर्ता के पास कोई उचित कारण हो तो हाई कोर्ट 30 दिन के बाद भी अपील स्वीकार कर सकता है। NIA प्रावधान के अनुसार 90 दिन के बाद कोई अपील स्वीकार नहीं की जा सकती और यही दलीलों में विवाद का मुख्य कारण है।

पीठ ने पक्षकारों से कहा कि वे अगली सुनवाई की तारीख से पहले अपनी लिखित दलीलें तीन पृष्ठों में दें। पीठ सुशीला देवी और उस्मान शरीफ द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। सुशीला देवी और उस्मान शरीफ सहित अन्य व्यक्तियों द्वारा दायर याचिकाओं में इस कड़े प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी। उनकी याचिका में तर्क दिया गया था कि यह बहुत कठोर है और अभियुक्तों या पीड़ितों के अधिकारों का उल्लंघन और उनके लिए हानिकारक है,क्योंकि उन्हें कम समय सीमा में वास्तविक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

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