चुनावी डेटा के नए नियमों को लेकर SC ने सरकार और आयोग से मांगा जवाब; क्या है मामला?
- सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के नियमों में हुए संशोधन के खिलाफ दायर की गई याचिका को लेकर केंद्र और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। इस याचिका के जरिए कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स, 1961 में हुए किए गए बदलावों को चुनौती दी गई है।
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलेक्शन कंडक्ट रूल्स, 1961 में किए गए बदलावों को लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि हाल में इन नियमों के कुछ बदलाव किए गए थे जिनके तहत लोगों को इलेक्शन रिकॉर्ड से जुड़ी जानकारियां लेने पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। हाल ही में किए गए संशोधन के तहत सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग रिकॉर्डिंग और उम्मीदवारों के वीडियो फुटेज सहित इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की प्रतिबद्धता खत्म कर दी गई है।
बता दें कि कोर्ट में आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इस याचिका के जरिए चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव 2024 से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग की गई है। भारद्वाज की याचिका में इस बात पर जोर डाला गया है कि चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93 (2) (ए) में किया गया संशोधन मतदाताओं के सूचना के मौलिक अधिकार पर अंकुश लगाता है।
इससे पहले केंद्र ने चुनाव आयोग की सिफारिशों के आधार पर इलेक्शन कंडक्ट नियमों में बदलाव किए थे। केंद्र सरकार ने कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड के दुरुपयोग को रोकने के कथित उद्देश्य से कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों तक सार्वजनिक पहुंच को सीमित कर दिया है। इस मामले की सुनवाई 17 मार्च से शुरू होने होगी जहां चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी। कोर्ट इस दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश द्वारा दायर की गई एक समान याचिका पर भी सुनवाई करेगी।