Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court asks Centre, Delhi government stand over plea to amend OBC certificate rules in single mother case

जब SC/ST को दे सकते हैं तो OBC को क्यों नहीं? एकल माता विवाद में भावी CJI ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से पूछा है कि जब SC/ST वर्ग की एकल मां के प्रमाण पत्र के आधार पर उनके बच्चों के जाति प्रणाण पत्र निर्गत किया जा सकता है तो ओबीसी के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है।

Pramod Praveen पीटीआई, नई दिल्लीFri, 31 Jan 2025 10:29 PM
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जब SC/ST को दे सकते हैं तो OBC को क्यों नहीं? एकल माता विवाद में भावी CJI ने केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने एकल माताओं के बच्चों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाणपत्र जारी करने के नियमों में संशोधन के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली की एक महिला द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया है। याचिका में कहा गया कि प्रतिवादी अधिकारियों द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, एकल मां के ओबीसी प्रमाणपत्र के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र नहीं दिया जा सकता और आवेदक को केवल पैतृक पक्ष से ही ऐसा प्रमाण पत्र पेश करना होगा।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि प्रतिवादियों की ऐसी कार्रवाई स्पष्ट रूप से संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है। अधिवक्ता विपिन कुमार के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया कि यह संविधान के प्रावधान का भी उल्लंघन है क्योंकि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति वर्ग की एकल मां के बच्चों को उनके प्रमाण पत्र के आधार पर जाति प्रमाण पत्र दिया जाता है।

याचिका में कहा गया है कि एकल माताओं के बच्चों को ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकारियों द्वारा पिता के ओबीसी प्रमाण पत्र या पैतृक पक्ष पर जोर देना पूरी तरह से उनके द्वारा पाले गए बच्चों के अधिकारों के खिलाफ है। याचिका में ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए दिल्ली सरकार के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि दिशा-निर्देशों के अनुसार, दिल्ली में रहने वाला कोई भी व्यक्ति जो ओबीसी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना चाहता है, उसे अपने पिता, दादा या चाचा सहित किसी भी पैतृक रक्त संबंधी का ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

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याचिका में कहा गया है कि ओबीसी श्रेणी से संबंधित एकल मां जो अपने स्वयं के प्रमाण पत्र के आधार पर अपने दत्तक बच्चे के लिए ऐसे प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना चाहती है, उसे आवेदन करने की अनुमति नहीं दी गई है क्योंकि वह अपने पति का ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है। अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से पूछा है कि जब SC/ST वर्ग की एकल मां के प्रमाण पत्र के आधार पर उनके बच्चों के जाति प्रणाण पत्र निर्गत किया जा सकता है तो ओबीसी के मामले में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। यह आदेश पारित करने वाली खंडपीठ के मुखिया जस्टिस बीआर गवई देश के भावी CJI हैं।

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