शिवसेना ने राज ठाकरे को बताया भाजपा की रखैल, कहा- बिगाड़ना चाहते हैं माहौल
अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने राज ठाकरे को बीजेपी की रखैल तक कह डाला। कहा कि बीजेपी अपनी रखैल के जरिए महाराष्ट्र का माहौल बिगाड़ना चाह रही है। लाउडस्पीकर विवाद को लेकर राज ठाकरे पर मुकदमा हुआ है।
शिवसेना ने मंगलवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर तीखा हमला किया। शिवसेना नेता संजय राउत ने जोर देकर कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति सिर्फ इसलिए नहीं बिगड़ेगी क्योंकि एक विशेष राजनीतिक दल ने ऐसा करने का मन बनाया है। राउत का इशारा मनसे चीफ राज ठाकरे की ओर था। अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने राज ठाकरे को बीजेपी की रखैल तक कह डाला। इसके साथ ही मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार के निर्देश पुलिस ने एक मई को लाउडस्पीकर को लेकर दिए बयान के आधार पर राज ठाकरे के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया है।
रविवार को औरंगाबाद में अपनी महाराष्ट्र दिवस रैली में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 4 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के अपने आह्वान को दोहराया। कहा कि 4 मई से हम नहीं सुनेंगे। यदि आप लाउडस्पीकरों से उपद्रव करते रहे तो हम मस्जिदों के सामने दोगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का प्रसारण भी करेंगे।
जवाब में शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया है, "1 मई को मुंबई में बीजेपी की 'बूस्टर डोज' रैली शिवसेना को निशाना बनाने के लिए बनाई गई थी, जबकि बीजेपी की रखैल मनसे ने औरंगाबाद में अपनी रैली में शरद पवार को निशाना बनाया था।" मनसे पर टिप्पणी पर आगे विस्तार से, राउत ने यहां रखैल शब्द पर स्पष्टीकरण दिया है, कहा, “रखैल का अर्थ है लोगों का उपयोग करना। कुछ छोटी पार्टियों का इस्तेमाल राजनीति में महा विकास अघाड़ी का मुकाबला करने के लिए किया जा रहा है।
सामना में कहा गया, “सरकार को उस राजनीतिक दल का पता लगाना चाहिए जिसने राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए 'हिंदू ओवैसी' से 'अनुबंध' किया है। सरकार मजबूती के साथ खड़ी है। जो धमकी दे रहे हैं उनमें कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की क्षमता नहीं है। उनके पीछे की ताकत बेचैन है क्योंकि वे महाराष्ट्र में सत्ता में नहीं आ सके।
फडणवीस पर भी हमला
सामना के संपादकीय में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस पर भी हमला किया गया। फडणवीस के यह कहने के बाद कि जब बाबरी मस्जिद को गिराया गया था, वह अयोध्या में मौजूद थे, सामना में एक संपादकीय में सवाल किया गया था कि क्या वह एक 'अदृश्य व्यक्ति' थे, जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया था। कहा, “बाबरी मामले की चार्जशीट में शिवसेना के कई नेताओं और शिवसैनिकों के नाम हैं। तो क्या बाबरी को गिराने के लिए फडणवीस अदृश्य व्यक्ति थे? उनकी भूमिका की फिर से जांच करनी होगी।”
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