Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Fog came in UP in September itself feeling of cold Meteorological Department said it was a sign of big change

यूपी में सितंबर में ही आ गया कोहरा, सर्दी का एहसास, मौसम विभाग बोला, बड़े बदलाव का संकेत

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पिछले दिनों हुई झमाझम बारिश के बाद शुक्रवार को कोहरे ने भी दस्तक दे दी। कोहरे के कारण गुलाबी ठंड का भी लोगों को एहसास हुआ।

Yogesh Yadav इटावा वार्ताFri, 20 Sep 2024 06:45 PM
share Share

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में पिछले दिनों हुई झमाझम बारिश के बाद शुक्रवार को कोहरे ने भी दस्तक दे दी। कोहरे के कारण गुलाबी ठंड का भी लोगों को एहसास हुआ। सुबह छह बजे से करीब सवा सात बजे कोहरा इटावा की सड़कों पर देखा गया। रात से कोहरे की हल्की परत फुहार के रूप में शुरू हो गई थी जो सुबह सूरज की रोशनी निकलने तक जारी रहा। स्कूली बच्चे मौसम का पहला कोहरा देखकर बेहद खुश भी हुए है जबकि तड़के भ्रमण करने वालों को हल्की सर्दी का एहसास हुआ है।

मौसम विज्ञानी डीएस चौहान का कहना है कि समय से पहले कोहरा पड़ जाना इस बात का संकेत है कि मौसम में बड़ा बदलाव हो रहा है और यह बदलाव आने वाले वक्त में व्यापक सर्दी की ओर इशारा कर रहा है। मार्निग बाकर अशोक कुमार बताते है कि वो सुबह पांच बजे के आसपास टहलने के लिए अपने घर से निकले थे। सुबह छह बजते ही कोहरा एकाएक शुरू हो गया। सितंबर में ही कोहरा देख लोगों का हैरत में पड़ना लाजिमी था क्योंकि इससे पहले कभी भी इतनी जल्दी इस तरह से कोहरा नहीं पड़ा था।

कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि कोहरा किसी भी फसल के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है यह फसलों की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए सबसे अधिक लाभदायक है। कृषि विभाग के उपनिदेशक आर.एन.सिंह बताते है कि कोहरा किसी भी फसल के लिए सबसे अधिक फायदेमंद होता है,अगर कोहरे की शुरू आत हो गई है तो अब सर्दी आने में देर नहीं लगेगी।

इससे पहले जिले में 18 सितंबर को हुई बरसात के दौरान तीन लोगों की विभन्नि इलाकों में मौत हुई है जबकि एक दर्जन के आसपास लोग घायल हुए हैं। दर्जनों के कच्चे पक्के मकान गिर गए है। कई दर्जन के आसपास पेड़ों के गिरने की भी घटनाएं बरसात के दौरान घटित हुई है।

कृषि विभाग के अनुसार इटावा में एक दिन में 300 मिमी बरसात हुई। इटावा जिला बरसात के मामले में पहले 80 फीसदी चन्हिति था लेकिन अब इटावा 110 फीसदी वाले जिलों में शुमार हो गया है।

उप जिला कृषि निदेशक आर.एन.सिंह बताते है कि इस बरसात से धान और बाजरा को मामूली रूप से नुकसान हुआ है। जिन खेतों में धान पहले बोआ गया है उसमे नुकसान जरूर हुआ लेकिन बाद वाली फसल को कोई नुकसान नहीं हुआ है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें