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सचिन पायलट, पुत्र मोह और कांग्रेस की रार...अशोक गहलोत ने इंटरव्यू में बहुत कुछ बता दिया

एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अशोक गहलोत ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस डबल डिजिट में सीट लेकर आएगी। सचिन पायलट पर उन्होंने कहा कि कोई भी सच्चा कांग्रेसी अभी मतभेद भुलाकर काम करेगा।

Prabhash Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 1 May 2024 12:12 PM
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पहले दो चरणों में राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है और कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि 10 साल बाद यहां पार्टी का खाता खुल सकता है। राजस्थान के पू्र्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं, अपनी भावी योजनाओं और सचिन पायलट से मनमुटाव की रिपोर्ट समेत कई मुद्दों पर HT डिजिटिल के भारतीय भाषाओं के संपादक प्रभाष झा से बात की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश-  

अब राजस्थान में चुनाव खत्म हो चुका है, कांग्रेस के लिए कैसा माहौल दिख रहा है?

अशोक गहलोत: अच्छा माहौल है। बीजेपी वाले अबकी बार 400 पार कहते थे, पहले राउंड के बाद कहना बंद कर दिया है। पहले फेज के बाद उन्हें फीडबैक मिला होगा। कांग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग से जोड़ दिया, जिसका कोई तुक नहीं था। प्रधानमंत्री ने कह दिया कि मुस्लिम लीग का मैनिफेस्टो है और इससे बात नहीं बनी तो कहने लगे की मंगलसूत्र छीन लेंगे। आपकी संपत्ति बांट देंगे क्योंकि उनलोगों ने अधिक बच्चे पैदा किए हैं। कहने का मतलब है कि परोक्ष रूप से चुनाव का धुव्रीकरण करने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए।

आर्थिक सर्वे और संपत्तियों के पुनर्वितरण को प्रधानमंत्री के मुद्दा बनाने से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है?

अशोक गहलोत: बिल्कुल नहीं बल्कि हमें फायदा हो रहा है। इससे लोग घोषणा पत्र को पढ़ रहे हैं और समझ रहे हैं। घोषणा पत्र वास्तव में ऐतिहासिक है। राहुल गांधी ने दो यात्राएं कीं, उनमें कई अच्छे सुझाव आए। मैं खुद भी यात्रा में शामिल हुआ था। राजस्थान में हमारी सरकार की कई योजनाओं को कांग्रेस की 25 गारंटियों में जगह मिली है।

कांग्रेस की गारंटी बनाम मोदी की गारंटी को लेकर आपका क्या आकलन है?

अशोक गहलोत: वर्ष 2014 में भी इन्होंने गारंटियां दी थीं। काला धन लेकर आएंगे, 15 लाख रुपये खाते में आ जाएंगे। बाद में ये जुमला बनकर रह गए। ये भी कहा था कि किसानों की आमदनी दोगुनी कर देंगे, प्रतिवर्ष 2 करोड़ नौकरी देंगे। इस तरह तो 10 वर्षों में 20 करोड़ नौकरियां मिल जानी चाहिए थी, लेकिन एक करोड़ भी मिलीं क्या? और भी कई बातें उन्होंने कही थीं, ये सब बातें भी मोदी की गारंटी थी। लोकपाल की बात हुई थी, इसके नाम पर दिल्ली में केजरीवाल की सरकार आ गई। इन्हीं सब कारणों इस बार पब्लिक का मूड कांग्रेस की गारंटियों पर अधिक विश्वास करने का है। इसलिए पूरे देश में इंडिया गठबंधन का माहौल है। इन लोगों ने 400 पारा का नारा देना बंद कर दिया है। ये लोग ढाई सौ भी पार कर जाएं तो बड़ी बात होगी।

आप 250 सीट दे रहे हैं, राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी 150 पार नहीं करेगी।

अशोक गहलोत: यही तो कह रहा हूं कि 250 सीटें भी आ जाए तो बड़ी बात होगी।

आपने अरविंद केजरीवाल की बात की। उनसे गठबंधन को लेकर आपकी पार्टी के कई नेता असहज हैं। दिल्ली के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया है। क्या गठबंधन से पहले लोगों को भरोसे में नहीं लिया गया था?

अशोक गहलोत: इस पर कुछ नहीं बोलूंगा क्योंकि मैं उस समिति का सदस्य हूं जिसमें गठबंधन को लेकर फैसला होता है। जब इस गठबंधन की बात हुई थी तो लवली और अजय माकन भी मौजूद थे। लवली ने किस संदर्भ में क्या बातें कही हैं, ये भी मुझे पता नहीं है। इसलिए मैं कुछ नहीं बोलना चाहूंगा।

चुनाव प्रचार के दौरान आपने कहा था कि कांग्रेस इस बार राजस्थान में दहाई के आंकड़े में आएगी। वोटिंग हो चुकी है, अब आपका आकलन क्या है?

अशोक गहलोत: जैसा कि मैंने कहा था कि डबल डिजिट में हमारी सीटें आएंगी।

पर 10 से 25 तक सब डबल डिजिट ही है, कोई एक नंबर जो आप बताना चाहें?

अशोक गहलोत: हमेशा नई-नई बातें आती रहती हैं। ऐसे में आपको कैसे बताएं। पहले 9-10 की बात थी, जिन सीटों पर हम कमजोर थे उनपर भी हम मुकाबले में आ गए। अब असल बात तो 4 जून को ही सामने आएगी।

आपने अपनी पार्टी के एक नेता (सचिन पायलट) के बारे में कहा था कि वह हमारी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। अभी भी आप दोनों के बीच वैसी ही स्थिति है या संबंध मधुर हुए हैं?

अशोक गहलोत: देखिए, वो एक अलग चैप्टर है और इस पर चर्चा पार्टी हित में नहीं है। अभी लोकसभा चुनाव चल रहा है और हम कोशिश करते हैं कि कहीं से कोई ऐसा मौका न आए कि लोगों को लगे कि हमारे बीच में असहमतियां हैं। थोड़ी-बहुत असहमतियां हो सकती हैं,  पर हमने इस रूप में व्यवहार किया जिससे संदेश जाए कि सब मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। यही पार्टी के हित में है और देश के हित में भी है। मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि अभी जो देश में स्थिति है- हम कहते हैं  कि लोकतंत्र खतरे में है, संविधान की धज्जिया उड़ रही है, सीबीआई-ईडी के माध्यम से सरकार चलाई जा रही है, दो-दो मुख्यमंत्री जेल में हैं, कांग्रेस के बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं- ऐसे माहौल में जो सच्चा कांग्रेसी होगा वो चाहेगा कि हमारी पार्टी कामयाब हो, पसंद-नापसंद मुद्दा नहीं है।

उन्होंने यह बयान दिया था कि जालौर में आपके बेटे वैभव गहलोत का प्रचार करना चाहते थे, लेकिन आपने कहा ही नहीं।

अशोक गहलोत: मैं इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता।

लोकेश शर्मा के प्रकरण को लेकर आप पहले कुछ कह चुके हैं, उन्होंने अब आपको कठघरे में खड़ा किया है।

अशोक गहलोत: मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वह क्यों बोले हैं और उन्हें ऐसा बोलने की क्या जरूरत पड़ी। मुख्य बात जो उन्होंने कहा है कि सीएम ऑफिस से फोन सर्विलांस पर रखे गए। मैं केवल इतना जानता हूं कि एमपी-एमएलए के फोन हमारे यहां कभी सर्विलांस पर नहीं रखे जाते।  मेरे कार्यकाल में कभी ऐसा नहीं हुआ।

लेकिन तीन साल पहले जब ऑडियो वायरल हुआ था तब आप लोगों ने यह कहकर मामले को दबा दिया कि सोशल मीडिया के जरिए वायरल हुआ है। क्या ये बेहतर नहीं होता कि आपकी सरकार उस समय इसका जांच करवाती?

अशोक गहलोत: एक केस चल रहा है दिल्ली के अंदर।

लेकिन वो तो गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया था।

अशोक गहलोत: केस तो यही है ना। लोकेश शर्मा के खिलाफ जो उन्होंने केस किया है इसी मुद्दे को लेकर किया है। उनके खिलाफ यहां जांच चल रही है, लेकिन शेखावत वॉइस सैंपल नहीं दे रहे हैं। हाई कोर्ट ने भी कहा है कि आप वॉइस सैंपल दे दीजिए। मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो इसपर कुछ नहीं कहूंगा।

वैभव गहलोत इस बार सीट बदलकर जालौर से लड़ने चले गए हैं, पिछली बार जोधपुर से लड़े थे। ये किसका फैसला था, आपका या वैभव का?

अशोक गहलोत: वर्ष 2019 में भी जालौर से ही चुनाव लड़ना था, लेकिन हमने एक राजनीतिक रूप से मुश्किल फैसला लिया। हमें पता था कि जोधपुर एक मुश्किल सीट होगी, जीतने की संभावना नहीं है। उस वक्त माहौल कांग्रेस के काफी खिलाफ था और हमें लगा कि वैभव अगर जोधपुर से लड़ेंगे तो अच्छा मैसेज जाएगा और हमारे चुनाव अभियान को धार मिलेगी। शुरू से जालौर से लड़ने का ही मन था लेकिन मैंने पार्टी को जोधपुर के लिए तैयार किया।

वैभव को लेकर आप पर पुत्र मोह में पार्टी के हितों का अनदेखी का आरोप लगता है। 

अशोक गहलोत: मैं ये पहली बार सुन रहा हूं। मेरे तीनों शासनकाल में परिवार के किसी भी व्यक्ति का सरकार में हस्तक्षेप नहीं रहा है। जब मैं यह दावा कर रहा हूं तो आप समझ रहे हैं कि मैं क्या कहना चाहता हूं।

आप पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार और संगठन को लेकर काफी सक्रिया थे, इस बार ऐसा नहीं दिख रहा है। कब तक निकलेंगे दूसरे राज्यों में प्रचार करने?

अशोक गहलोत: राजस्थान में 25 में से 22 सीटों पर गया हूं। अब राजस्थान का चुनाव खत्म हो गया है, मध्य प्रदेश और गुजरात जाऊंगा। इसके अलावा भी जहां से मांग आएगी वहां जाऊंगा।

प्रदेश में नई सरकार के गठन के चार महीने से अधिक हो गए हैं। भजन लाल सरकार को कैसे आंकते हैं आप?

अशोक गहलोत: हमें तीन चीजों का फायदा हो रहा है जिसकी वजह से हमारी डबल डिजिट में सीटें आ रही हैं। पहली, हमारी सरकार की स्कीम्स। हम किसानों, महिलाओं और सभी तबकों के लिए जो योजनाएं लेकर आए उसकी पूरे देश में चर्चा हुई। कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी हमारी चार-पांच योजनाएं शामिल की गई हैं। दूसरा फायदा मिल रहा है, भजन लाल जा का। वो नए हैं और उन्हें अनुभव नहीं है। मुख्यमंत्री तो बना दिया गया है उन्हें लेकिन रिमोट कंट्रोल से चलाया जा रहा है। लेकिन गलती उनकी नहीं है, बीजेपी हाईकमान की है। जनता के बीच संदेश गया कि डमी मुख्यमंत्री हैं और डिफैक्टो मुख्यमंत्री मुख्य सचिव हैं। उनकी ही सरकार में चलती है। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है, संविधान के हिसाब से चुने हुए लोगों को काम करना होता है, आप सलाह दे सकते हैं पर पूरी तरह से रिमोट से नहीं चला सकते हैं, वो काम कैसे करेगा। भजन लाल काम नहीं कर पा रहे हैं।

तीसरा पॉइंट है,  मोदी और उनके नेताओं ने विधानसभा चुनाव में इतने झूठ बोले लेकिन अब सच सामने आ रहा है। हमें लोकसभा चुनाव में इसका भी फायदा मिल रहा है।

वसुंधरा राजे होतीं तो चुनाव आपके लिए मुश्किल होता?

वसुंधरा होतीं तो बीजेपी को उनके अनुभव का फायदा मिलता, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन, यह चुनाव केंद्र का है इसलिए वह होतीं तो भी हमारी सीट डबल डिजिट में आती।

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