बॉर्डर पार वाले भी सोचते होंगे क्यों अलग हो गए हम; महाकुंभ पर बड़े संत ने कह दी यह बात
- संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंंभ हो चुका है। मंगलवार को मकर संक्रांति के मौके पर करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। इस मौके पर चिदानंद सरस्वती ने पाकिस्तान का जिक्र किए बिना कहा है कि जो लोग अलग हो गए, वे भी आज पछता रहे होंगे।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दूसरे दिन मंगलवार को देश-विदेश से आए करोड़ों श्रद्धालु पवित्र 'अमृत स्नान' में हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती ने महाकुंभ मेले की भव्यता का जिक्र करते हुए कहा है कि इस पावन मौके पर सभी सीमाएं टूट जानी चाहिए। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा है कि जो लोग अलग हो गए थे वे भी आज इस बात का अफसोस कर रहे होंगे कि आज वे भी यहां होते तो पवित्र अमृत स्नान कर रहे होते।
स्वामी चिनानंद ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मौका महाकुंभ और मकर संक्रांति का है। इस अमृत के लिए देवता भी तरसते हैं। वे सोचते होंगे कि भारत वालों को हो क्या गया है। उन्हें लगता होगा कि काश हमने भी भारत में जन्म लिया होता तो हम भी आज डुबकी लगा रहे होते। सीमा पार बैठे लोग भी सोच रहे होंगे कि कमाल है यार, यह कैसा कुंभ है कि 12 घंटे में 15 मिलियन लोग नहा लिए। वे सोचते होंगे क्यों अलग हो गए हम।”
स्वामी चिनानंद ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि अभी भी देर नहीं हुई है। इस कुंभ के साथ यही होना चाहिए कि सभी बॉर्डर टूट जाए और हमारा भारत अखंड भारत बने।" गौरतलब है कि महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के दौरान मंगलवार को सुबह 10.30 बजे तक 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। वहीं महाकुंभ के पहले दिन करीब 1.6 करोड़ लोगों ने पवित्र डुबकी लगाई थी। बता दे कि संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा जहां लगभग 45 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है।