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स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन ने शाही स्नान में क्यों नहीं लगाई डुबकी, महाकुंभ में गुरु ने खोला राज

  • Maha kumbh 2025 Laurene Powell Jobs: महाकुंभ में देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु आए हुए हैं। इनमें एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी शामिल हैं।

Deepak लाइव हिन्दुस्तानTue, 14 Jan 2025 07:32 AM
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Maha kumbh 2025 Laurene Powell Jobs: महाकुंभ में देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु आए हुए हैं। इनमें एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी शामिल हैं। क्या लॉरेन पॉवेल ने भी मकर संक्रांति के मौके पर शाही स्नान के समय संगम में डुबकी लगाई है? इसको लेकर जानकारी सामने आई है। लॉरेन पॉवेल, स्वामी कैलाशानंद गिरी के शिविर में ठहरी हुई हैं। स्वामी कैलाशानंद गिरी निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं और निरंजन पीठाधीश्वर हैं। स्वामी कैलाशानंद ने बताया कि लॉरेन पॉवेल को थोड़ी दिक्कत है। इस वजह से उन्होंने शाही स्नान के समय डुबकी नहीं लगाई।

स्वामी कैलाशानंद गिरी ने लॉरेल पॉवेल के बारे में बताया कि वह कभी इतनी भीड़ में नहीं रही हैं। वह हमारे शिविर में ही हैं। उनके हाथ में थोड़ी एलर्जी हो गई है। उन्होंने बताया कि लॉरेन पॉवेल बहुत सरल और सहज हैं। स्वामी कैलाशानंद ने आगे बताया कि वह अकेले जाकर स्नान करेंगी। इसके लिए अलग से व्यवस्था कराई जाएगी। उन्होंने कहाकि वह हमारे साथ पूजन में रुकीं। रात्रि पूजन में रहीं। हवन आदि के समय भी हमारे साथ ही रह रही हैं। वह हमारे शिविर में रुकी हुई हैं।

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कमला मिला है नाम
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ने आगे कहाकि सनातन परंपरा अलौकिक है। दुनिया के सभी लोग हमारी परंपरा से जुड़ना चाहते हैं, जिन्होंने हमारी परंपरा को कभी देखा नहीं, समझा नहीं, जाना नहीं। गौरतलब है कि लॉरेन पॉवेल, दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी हैं। उन्होंने सनातन धर्म में आस्था दिखाई है और महाकुंभ में भाग लेने पहुंची हैं। यहां पर उन्होंने स्वामी कैलाशानंद गिरी को अपना गुरु बनाया है। लॉरेन यहां पर कल्पवास भी करेंगी। स्वामी कैलाशानंद ने लॉरेन को कमला नाम दिया है और उन्हें अपना गोत्र भी दिया है।

गौरतलब है कि शाही स्नान को इस बार अमृत स्नान का नाम दिया गया है। मकर संक्रांति के दिन पहला अमृत स्नान संगम पर चल रहा है। इसमें सभी तेरह अखाड़े क्रमबद्ध ढंग से स्नान कर रहे हैं। इन सभी के लिए क्रम और समय निश्चित किया गया है। इसके अलावा अनगिनत श्रद्धालु भी विभिन्न स्नान घाटों पर पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं।

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