कोलकाता रेप-मर्डर केस; लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से पूछताछ
- ईडी ने आज तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुदीप्तो रॉय को तलब किया, जिनके घर और नर्सिंग होम तथा अन्य संपत्ति की पिछले सप्ताह ईडी और सीबीआई दोनों ने तलाशी ली थी। ईडी ने छापेमारी के दौरान उनके मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरण भी जब्त किये थे।
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने गुरुवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की युवा शाखा की नेता मीनाक्षी मुखर्जी से पूछताछ की तो वहीं ईडी ने आरजी कर मेडीकल कॉलेज की रोगी कल्याण समिति के सदस्य रहे तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुदीप्तो रॉय से पुछताछ की। सीबीआई के दफ्तर पर मुखर्जी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि हम आरजी कर अस्पताल की पीड़िता के लिए न्याय चाहते हैं। हम महिला चिकित्सक के हत्यारों को सजा दिलाना चाहते हैं और त्वरित न्याय चाहते हैं और इसके लिए मैं यहां सीबीआई कार्यालय में हूं।
आपको बता दें कि मुखर्जी पीड़िता के लिए न्याय की मांग करने वाले आंदोलन में सबसे आगे रही थीं। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ 09 अगस्त को आर जी कर अस्पताल के सामने उस समय जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था, जब पुलिस मृत चिकित्सक का शव ले जा रही थी।
इस बीच ईडी ने आज डॉ सुदीप्तो रॉय को तलब किया, जिनके घर और नर्सिंग होम तथा अन्य संपत्ति की पिछले सप्ताह ईडी और सीबीआई दोनों ने तलाशी ली थी। ईडी ने छापेमारी के दौरान उनके मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरण भी जब्त किये थे। ईडी गिरफ्तार किये गये पूर्व अस्पताल प्रमुख संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान आर जी कर अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं के धन के लेन-देन की जांच कर रही है। प्रिंसिपल घोष को हत्या के मामले और वित्तीय घोटाले दोनों में गिरफ्तार किया गया है।
इससे पहले, कोलकाता के आरजी कर मेडीकल कॉलेज में रेजीडेंट डॉक्टर के साथ हुई रेप-बलात्कार की घटना से पूरे देश का गुस्सा उबल पड़ा था। कोलकाता पुलिस ने एक आरोपी को जल्दी ही गिरफ्तार भी कर लिया था लेकिन बाद कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह केस सीबीआई को सौंप दिया गया था।
परत-दर-परत खुले इस केस ने आरजी कर कॉलेज की अनियमितताओं को भी सबके सामने उजागर करके रख दिया। कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल घोष को सीबीआई ने पहले वित्तीय अनियमितताओं और अब सबूतों से छेड़छाड़ और एफआईआर में देरी के मामले में बंद किया हुआ है। विपक्षी दलों का कहना है कि घटना के होने के एक दिन बाद ही कॉलेज की प्रिंसीपल की तरफ से घटना स्थल के पास नवीनीकरण करवाने का आदेश दे दिया गया, जब छात्रों ने दवाब डाला तो उनको सस्पेंड करने की जगह उन्हें दूसरे अस्पताल में ट्रांसफर दे दिया गया। आखिर उन्हें क्यों बचाने की कोशिश की जा रही है।
इस केस को लेकर जूनियर डॉक्टरों ने लगातार अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा, जिसे देखते हुए प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात की और उनकी प्रमुख 5 में से तीन मांगों को मानकर उनसे धरना खत्म करने के लिए कहा है।
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