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वेब सीरीज IC-814 पर विवाद, कंधार हाईजैक की असली कहानी जिसने आतंकी मसूद अजहर को कर दिया कुख्यात

  • विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। इसमें ज्‍यादातर भारतीय यात्री थे, जो दिल्‍ली आ रहे थे। भारतीय वायुसीमा में विमान के दाखिल होते ही हाईजैकर्स खड़े हुए और प्लेन को कब्जे में ले लिया।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 3 Sep 2024 05:49 PM
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वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' इन दिनों सुर्खियों में है जिसके बहिष्कार की मांग जोर पकड़ती जा रही है। आरोप है कि साल 1999 में विमान अपहरण की घटना में शामिल आतंकवादियों की वास्तविक पहचान छिपाई गई है। इस वेब सीरीज का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है जो 24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से उड़ान भरने के 40 मिनट बाद 5 आतंकवादियों की ओर से भारतीय विमान का अपहरण किए जाने की घटना पर आधारित है। यह 29 अगस्त से नेटफ्लिक्स पर ब्रॉडकास्ट हो रही है। वेब सीरीज को लेकर दावा किया कि निर्माताओं ने समुदाय विशेष से संबंधित आतंकवादियों के नाम छिपाने के लिए अपहर्ताओं के नाम बदले हैं, उन्हें शंकर और भोला कर दिया गया है। चलिए हम आपको बताते हैं कि कंधार हाईजैक कब और कैसे हुआ था...

IC-814 के अपहरण की साजिश रावलपिंडी GHQ में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने रची थी। इसका मकसद भारत सरकार को हरकत-उल-अंसार के महासचिव मसूद अजहर को जम्मू जेल से रिहा करने के लिए मजबूर करना था। इससे पहले 15 जुलाई, 1999 को कोट बलवाल में जेलब्रेक के दौरान उसका साथी कमांडर सज्जाद अफगानी मारा जा चुका था। मसूद अजहर के भाई मोहम्मद इब्राहिम अतहर अल्वी को डर था कि भारतीय खुफिया एजेंसियां ​उसे भी ढेर कर देंगी। ऐसे में उसने अपने सहयोगियों के साथ काठमांडू में ISI नेटवर्क का उपयोग करके अपहरण की बनाई।

काठमांडू से रवाना हुआ था विमान

भारतीय खुफिया विभाग को इस हाईजैकिंग प्लान के बारे में कोई सुराग नहीं मिला था। IC-814 फ्लाइट में रॉ ऑपरेटिव पहले से मौजूद था जो कि मई 2022 में RAW से रिटायर्ड हुआ था। विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी। इसमें ज्‍यादातर भारतीय यात्री थे, जो दिल्‍ली आ रहे थे। भारतीय वायुसीमा में विमान के दाखिल होते ही हाईजैकर्स खड़े हो गए और प्लेन को कब्जे में ले लिया। उन्होंने पायलट और यात्रियों के ऊपर बंदूकें तान दीं। इसके बाद विमान को दिल्ली से पाकिस्तान की ओर मोड़ दिया। फ्लाइट में इतना फ्यूल नहीं बचा था कि उसे अफगानिस्‍तान ले जाया जा सके। ऐसे में उसे अमृतसर से होकर लाहौर ले जाया गया। अगली सुबह विमान लाहौर से दुबई के लिए रवाना हुआ और वहां से सीधे अफगानिस्तान के कंधार पहुंचा।

हाईजैकर्स ने क्या रखी थीं मांगें

हाईजैकर्स ने इस दौरान अपनी मांगें रखनी शुरू कर दीं। भारतीय जेलों में बंद आतंकवादियों की रिहाई की मांग की गई। साथ ही, 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती मांगी गई। उन्होंने भारत में बंद 36 आतंकवादियों की रिहाई की मांग की थी, जिसमें मसूद अजहर भी शामिल था। इस पर भारत सरकार हाईजैकर्स के साथ बातचीत करने में लगी रही। तत्‍कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह तीन आतंकियों मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मौलाना मसूद अजहर को कंधार लेकर गए। इसी मसूद अजहर ने बाद में जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन बनाया जो 2019 पुलवामा हमलों में शामिल था। 

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