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इस्तीफा तो पहले देना था; हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया पर फिर बरसे कैप्टन अजय यादव

  • हरियाणा यूनिट के सीनियर लीडर कैप्टन अजय यादव ने सोमवार की पार्टी की हार के लिए सूक्ष्म-प्रबंधन की कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अब त्यागपत्र की पेशकश कर रहे प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को चुनाव से पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Mon, 21 Oct 2024 03:38 PM
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हरियाणा विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित हार को अब तक कांग्रेस पचा नहीं सकी है। इसके अलावा हार के चलते सिर-फुटव्वल भी तेज हो गया है। अब बागी नेता अजय यादव ने राज्य के चुनाव प्रभारी रहे दीपक बाबरिया पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बाबरिया अब इस्तीफा देने की बात कर रहे हैं, लेकिन उनको चुनाव से पहले ही ऐसा करना था। हरियाणा यूनिट के सीनियर लीडर कैप्टन अजय यादव ने सोमवार की पार्टी की हार के लिए सूक्ष्म-प्रबंधन की कमी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अब त्यागपत्र की पेशकश कर रहे प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया को चुनाव से पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।

हाल ही में पार्टी से इस्तीफा देने और फिर इसे वापस लेने वाले यादव ने दावा भी किया कि चुनाव के बाद उनके पास भाजपा में जाने का प्रस्ताव था, लेकिन वह नहीं गए। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका और उनके परिवार का कांग्रेस से 70 साल पुराना संबंध है। उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से उनकी बात सुनने का विश्वास दिलाया गया जिसके बाद उन्होंने त्यागपत्र वापस लिया। यादव ने कहा कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में ओबीसी समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। अजय सिंह यादव ने सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष पद से हटने के बाद अपने साथ खराब व्यवहार किये जाने का आरोप लगाते हुए गत 17 अक्टूबर को को पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था।

उन्होंने कांग्रेस के ओबीसी विभाग के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इसके दो दिन बाद ही अपने फैसले से पीछे हटते हुए उन्होंने कहा था कि वह ‘जन्मजात कांग्रेसी’ हैं और ‘आखिरी सांस तक’ कांग्रेसी बने रहेंगे। यादव ने सोमवार को यहां कहा, ‘इस्तीफा वापस लेने का कारण है कि मुझसे कहा गया है कि आपकी बात सुनी जाएगी। मैं भाजपा में नहीं जा रहा था, बाकी लोग भाजपा में चले जाते है। मेरे पास तो भाजपा में जाने का प्रस्ताव था। चुनाव के बाद यह प्रस्ताव था।’ उनका कहना था, ‘मैंने पूरी जिंदगी कांग्रेस में निकाल दी। मेरे बेटा चिरंजीव कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव है। मेरे पिता 1952 में विधायक बन गए थे। हमारा 70 साल का नाता कांग्रेस के साथ है।’

बाबरिया बीमार थे तो पहले क्यों नहीं दिया इस्तीफा

कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बबारिया के इस्तीफे की पेशकश का हवाला देते हुए यादव ने कहा, ‘बाबरिया जी अब कह रहे हैं कि इस्तीफा देने का प्रस्ताव दिया है। पहले क्यों नहीं किया। जब आप बीमार थे तो उसी समय इस्तीफा क्यों नहीं दिया।’ उन्होंने हार के कारणों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां पार्टी के स्तर पर सूक्ष्म-प्रबंधन और समन्वय का अभाव था। हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायक मामन खान के विवादित बयान और भाजपा के ‘बंटोगे तो कटोगे’ वाले विमर्श का भी असर हुआ। उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर भी इस चुनाव में संदेह पैदा हुआ है।

CWC में हरियाणा से कोई ओबीसी नहीं, फिर उठाई आवाज

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्य समिति में हरियाणा से सिर्फ जाट और दलित समुदायों को प्रतिनिधित्व मिला है, जबकि भाजपा ने केंद्र में राज्य के कई ओबीसी नेताओं को मंत्री बनाया है। यादव ने कहा कि कांग्रेस के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और ओबीसी विभागों के प्रमुखों को भी विस्तारित कांग्रेस कार्य समिति का हिस्सा होना चाहिए तथा ओबीसी विभाग के प्रमुख सिर्फ रस्मी पद नहीं होना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण में वंचित समाज का ध्यान रखा जाएगा।

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