पुलिस-प्रशासन के आगे झुके किसान, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया 'दिल्ली चलो' मार्च
इस बीच, हरियाणा के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों के मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए किसान यूनियनों के साथ उनकी बैठक हो रही है। पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिंह सिद्धू की अगुआई में एक टीम ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल से मुलाकात की है।
Farmers Protest Delhi Chalo March: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने दिल्ली चलो मार्च अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने सोमवार को कहा कि मंगलवार को कोई भी जत्था दिल्ली की ओर नहीं बढ़ेगा। इससे पहले आंदोलनकारी किसानों ने रविवार को दिल्ली की ओर अपना मार्च स्थगित कर दिया था, क्योंकि शंभू सीमा पर आंसू गैस के गोले दागे जाने से 7 किसान घायल हो गए थे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों के एक समूह ने 6 और 8 दिसंबर को पैदल दिल्ली तक मार्च करने के दो प्रयास किए, लेकिन उन्हें हरियाणा पुलिस के सुरक्षाकर्मियों ने आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी और उनकी हर कोशिश को विफल कर दिया था।
इस बीच, हरियाणा के पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि आंदोलनकारी किसानों के मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए किसान यूनियनों के साथ उनकी बैठक हो रही है। द ट्रिब्यून के मुताबिक, पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू की अगुआई में एक टीम ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल से मुलाकात की है और यूनियन के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे डल्लेवाल को दवा लेने के लिए कहें। सूत्रों के मुताबिक, भूख हड़ताल के बाद डल्लेवाल की तबीयत ठीक नहीं है। यह मुलाकात खनौरी बॉर्डर के पास हुई है, जहां डल्लेवाल किसानों के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
दूसरी तरफ, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस और सरकार किसानों से दुश्मन देश के लोगों जैसा बर्ताव कर रही है।शंभू सीमा पर मीडिया से बातचीत में पंधेर ने कहा कि हमें अपनी बात करने का हक नहीं है, हम अपने देश की राजधानी नहीं जा सकते। इन सवालों का जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार खुद ‘भ्रमित’ लग रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि किसानों को दिल्ली जाने से किसी ने नहीं रोका, दिल्ली जाने के लिए और भी कई साधन हैं और किसान प्रश्न उठा रहे हैं। जबकि सत्ता से सवाल करना लोकतान्त्रिक अधिकार है।
पंधेर ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू कहते हैं कि पैदल आइए स्वागत करेंगे। हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोलते हैं इस तरह आएंगे तो पुलिस इसी तरह स्वागत करेगी तो हरियाणा के कृषि मंत्री कहते हैं कि पैदल जाने वालों को रोकेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अच्छा प्रशासन दे रहे हैं, लेकिन यहं पांच-सात मंत्रियों के बयान ही नहीं आपस में मिलते। उन्होंने कहा, “अपने बीच राय मशविरा कर लिया करो कहां हां करना है, कहां न करना है!”
पंधेर ने कहा कि हरियाणा सरकार, प्रशासन कभी कहते हैं दिल्ली जाने की इजाजत नहीं है, कभी कहते हैं किसान हरियाणा के कानून एवं व्यवस्था के लिए खतरा हैं। इंटरनेट बंद कर दी। खनौरी और डबवाली सीमाओं पर सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई। इस तर भय का माहौल पैदा करने की इसकी क्या जरूरत है? हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के 24 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के दावे पर पंधेर ने कहा कि वह डाटा दें कि धान-गेंहू के अलावा कौनसी फसल एमएसपी पर खरीदी है और कोई डाटा नहीं है तो यह फिर कोरी बयानबाजी ही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस किसान आंदोलन के नेताओं को टारगेट कर हमला कर रही है और सुरजीत सिंह फूल, दलबाग सिंह समेत कुछ नेता घायल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह पत्रकारों को भी निशाना बनाया जा रहा है जबकि पत्रकार किसानों के साथ सरकार का पक्ष भी दिखा रहे हैं और लोगों की बात भी सामने रख रहे हैं।