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पहले अखिलेश, अब ममता बनर्जी; केजरीवाल को समर्थन के पीछे क्या है INDIA के घटक दलों की रणनीति

  • समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस जैसे इंडिया गठबंधन के दलों ने दिल्ली चुनाव में कांग्रेस नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि आखिर केजरीवाल को समर्थन देने से के पीछे इंडिया गठबंधन के घटक दलों की रणनीति क्या है?

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 8 Jan 2025 06:20 PM
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Delhi Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन फिर से बिखरता नजर आ रहा है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक-दूसरे पर हमलावर हैं। 'शीशमहल' समेत तमाम मुद्दे उठाकर कांग्रेस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेर रही है, जबकि आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली में कांग्रेस और बीजेपी एक साथ मिलकर पर्दे के पीछे से उन्हें हराने में लगी हुई हैं। लोकसभा चुनाव के समय आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था और दोनों ही विपक्षी इंडिया गठबंधन का अब भी हिस्सा हैं। हालांकि, उसी समय पार्टियों ने साफ किया था कि यह गठबंधन राष्ट्रीय स्तर के लिए है, नाकि विधानसभा चुनावों के लिए। भले ही दिल्ली चुनाव में 'आप' और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही हों, लेकिन इंडिया गठबंधन के बाकी घटक दल भी पूरी नजर चुनाव पर बनाए हुए हैं। समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस जैसे इंडिया गठबंधन के दलों ने दिल्ली चुनाव में कांग्रेस नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि आखिर केजरीवाल को समर्थन देने से के पीछे इंडिया गठबंधन के घटक दलों की रणनीति क्या है?

पहले अखिलेश, अब ममता ने दिया केजरीवाल का साथ

दिल्ली चुनाव के लिए बुधवार को अरविंद केजरीवाल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी साथ मिल गया। केजरीवाल ने 'एक्स' पर पोस्ट करके लिखा, ''टीएमसी ने दिल्ली चुनाव में आप को समर्थन देने की घोषणा की है। मैं व्यक्तिगत रूप से ममता दीदी का आभारी हूं। धन्यवाद दीदी। आपने हमेशा हमारे अच्छे-बुरे समय में हमारा साथ दिया है और आशीर्वाद दिया है।'' इसके अलावा, हाल ही में अखिलेश यादव ने भी केजरीवाल को अपना समर्थन दिया था, जिसके बाद सीएम ने कहा था कि बहुत-बहुत धन्यवाद अखिलेश जी। आप हमेशा हमारा समर्थन करते हैं और हमारे साथ खड़े रहते हैं। मैं और दिल्ली के लोग इसके लिए आभारी हैं।" पिछले महीने दिल्ली में अखिलेश यादव अरविंद केजरीवाल के साथ महिलाओं के समर्थन में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव का समर्थन मिलने के बाद इसकी संभावना बढ़ गई है कि दोनों दलों की विचाराधारा को मानने वाले वोटर्स का रुझान दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर देखने को मिल सकता है। राष्ट्रीय राजधानी में भी बड़ी संख्या में यादव वोटबैंक है और इसका लाभ केजरीवाल को मिल सकता है।

हरियाणा में अखिलेश ने दिया था कांग्रेस का साथ, लेकिन अब क्यों बदली रणनीति?

पिछले साल हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने खुले तौर पर कांग्रेस को अपना समर्थन देने का ऐलान किया था। उस समय वहां भी आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ रही थी, लेकिन कांग्रेस का पलड़ा काफी भारी था। काउंटिंग के शुरुआती समय तक कांग्रेस की जीत की पूरी उम्मीद थी। तमाम सर्वों से साफ था कि बीजेपी हरियाणा में तीसरी बार सरकार नहीं बना पाएगी, लेकिन जब नतीजे आए तो सब हैरान रह गए। भगवा दल ने कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए तीसरी बार राज्य में अपनी सरकार बना ली। हरियाणा और दिल्ली चुनाव में अखिलेश की रणनीति में काफी बदलाव हुआ है। माना जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के घटक दल इस रणनीति पर सहयोगी दल का साथ दे रहे हैं कि जिस राज्य में जो इंडिया गठबंधन की पार्टी मजबूत होगी, अन्य इंडिया अलायंस के पार्टनर उसे अपना समर्थन देंगे।

उदाहरण के तौर पर हरियाणा में कांग्रेस की जीत की उम्मीद ज्यादा थी, जिसके चलते अखिलेश ने कांग्रेस को समर्थन दिया, लेकिन अब दिल्ली चुनाव में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी कांग्रेस के मुकाबले जमीन पर ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है। हालांकि, कांग्रेस ने साफ किया है कि वह पूरी मजबूती से चुनावी मैदान में है। पिछले तीन चुनाव के नतीजे भी केजरीवाल के पक्ष में गए हैं। इसी वजह से संभव है कि अखिलेश यादव और अन्य इंडिया गठबंधन के दलों ने विशेषतौर पर दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन करने का ऐलान किया। इसी तरह ममता बनर्जी के रिश्ते भी पिछले कुछ सालों में अरविंद केजरीवाल से बेहतर रहे हैं। दोनों की समय-समय पर चुनाव को लेकर मुलाकातें भी होती रही हैं। इसी के चलते केजरीवाल को दिल्ली चुनाव में अखिलेश और ममता बनर्जी, दोनों ने ही अपना समर्थन दिया है।

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