बंटे तो आपका आरक्षण छीन लेगी कांग्रेस; PM मोदी महाराष्ट्र में INDI अलायंस पर चल रहे उसका ही कार्ड
- पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अगर आप एक नहीं रहे, आपकी एकजुटता टूटी तो सबसे पहले कांग्रेस आपका रिजर्वेशन छीन लेगी।' उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस लोगों को जाति के आधार पर बांट रही है। हमें एक रहना होगा ताकि समृद्धि बनी रहे। इस तरह उन्होंने लोगों से कोटा छिनने की आशंका जताई।
लोकसभा चुनाव में INDI अलायंस के दलों ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि यदि इन्हें 400 सीट मिलीं तो संविधान बदल देंगे और वंचितों का आरक्षण छीन लिया जाएगा। माना जाता है कि महाराष्ट्र, यूपी जैसे राज्यों में इसका ही असर दिखा था और भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों को बहुत कम सीटें मिली थीं। अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की बारी है और पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसा ही कार्ड कांग्रेस के खिलाफ चल दिया है। मंगलवार को महाराष्ट्र के चिमूर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप एकजुट नहीं रहे तो कांग्रेस आरक्षण छीन लेगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'अगर आप एक नहीं रहे, आपकी एकजुटता टूटी तो सबसे पहले कांग्रेस आपका रिजर्वेशन छीन लेगी।' उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस लोगों को जाति के आधार पर बांट रही है। हमें एक रहना होगा ताकि समृद्धि बनी रहे। उन्होंने कहा कि इस देश में 10 फीसदी आबादी आदिवासियों की है, जबकि कांग्रेस इन्हें जातियों में बांटना चाहती है ताकि उन्हें कमजोर कर सके। उन्होंने कहा कि यदि आदिवासी समुदाय बंट गया तो फिर ये लोग उनकी पहचान को ही खत्म कर देंगे। कांग्रेस के युवराज ने विदेश में यह बात कही थी। हमें कांग्रेस की साजिश से बचना है और एकजुट रहना होगा।
इस तरह बंटोगे तो कटोगे और एक हैं तो सेफ हैं का नारा देने के बाद भाजपा ने एक और गियर चेंज किया है। अब भाजपा ने एकजुटता की बात करते हुए आरक्षण वाला कार्ड चल दिया है कि यदि एकजुटता टूटी तो फिर कोटा ही छिन जाएगा। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के दलित और आदिवासी समुदाय को लुभाने के लिए भाजपा ने यह फैसला लिया है। इससे पहले हरियाणा में भाजपा को जीत मिल चुकी है और इसके पीछे दलित वर्ग का समर्थन माना जा रहा है। ऐसे में वही रणनीति अब भाजपा महाराष्ट्र में चलने की कोशिश में है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अब लगभग एक सप्ताह का ही चुनाव प्रचार है। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की सक्रियता बढ़ गई है और भाजपा के रणनीतिकारों का कहना है कि एकता के नारे का असर भी दिख रहा है। इस बीच आरएसएस के कार्यकर्ताओं को भी साथ लेने की कोशिश की गई है।