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Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़NCP Ajit Pawar said No compromise on secular ideology why joined Mahayuti

सेकुलर विचारधारा पर कोई समझौता नहीं, अजित पवार ने बताया क्यों महायुति गठबंधन में हुए शामिल

  • अजित पवार ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी महायुति गठबंधन के हिस्से के रूप में 60 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईThu, 5 Sep 2024 01:59 PM
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चाचा शरद पवार से बगावत कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुखिया बने अजित पवार ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि वह विकास के एजेंडे के लिए महायुति में शामिल हुए, लेकिन धर्मनिरपेक्ष विचारधारा पर कोई समझौता नहीं करेंगे। सत्ताधारी महायुति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक इंटरव्यू में, अजित पवार ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी महायुति गठबंधन के हिस्से के रूप में 60 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान की अफवाहों को भी खारिज किया। इसके अलावा, अजित पवार ने गठबंधन सरकार में शामिल होने के अपने फैसले के बारे में भी विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा, "जब हमने गठबंधन पर चर्चा शुरू की थी, तो हमने साफ कहा था कि हमारी विचारधारा 'धर्मनिरपेक्ष' है और हम इस पर कोई समझौता नहीं करेंगे। लेकिन जब आप मुझसे ऐसे सवाल पूछते हैं, तो मैं एक बात पूछना चाहता हूं। कट्टर हिंदुत्ववादी पार्टी शिवसेना थी... लेकिन आप (कांग्रेस और संयुक्त एनसीपी) ढाई साल तक शिवसेना के साथ सरकार में थे... मैं भी इसका हिस्सा था। तो तब ऐसे सवाल क्यों नहीं पूछे गए? तब यह धर्मनिरपेक्ष विचारधारा और प्रगतिशील सोच कहां थी?..."

डिप्टी सीएम ने आगे कहा, "अब आपको दिक्कत तब हो रही है जब हम विकास के एजेंडे के साथ (महायुति) सरकार में शामिल हुए हैं। हम इस स्पष्ट रुख के साथ शामिल हुए कि हम अपनी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा से समझौता नहीं करेंगे। सभी एनसीपी विधायकों ने इस गठबंधन (शिवसेना और भाजपा के साथ) का समर्थन किया... शरद पवार ने भी 2014 में राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा को खुले तौर पर बाहर से समर्थन दिया... देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार केवल उस बाहरी समर्थन के कारण बनी थी।" उन्होंने कहा, "2017 में भी एनसीपी ने एनडीए में शामिल होने के लिए बीजेपी से बातचीत शुरू की थी। विभागों और मंत्रालयों पर बातचीत पूरी हो गई थी। इसी तरह 2019 में भी एनसीपी और बीजेपी के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन पर चर्चा हुई थी और सीटों के बंटवारे पर भी बातचीत हुई थी। यह सब लोग आसानी से भूल जाते हैं..."

महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले महायुति गठबंधन के सीएम चेहरे को लेकर चर्चा शुरू हो गई। जब अजित पवार से पूछा गया कि क्या महायुति के पास कोई मुख्यमंत्री पद का चेहरा होगा? तो उन्होंने कहा, "नहीं। सबसे पहले, तीनों पार्टियों (शिवसेना, भाजपा और एनसीपी) का प्राथमिक उद्देश्य बहुमत का आंकड़ा हासिल करना है। उसके बाद हम सीएम चेहरे के बारे में सोच सकते हैं। लेकिन सीएम निश्चित रूप से महायुति का ही होगा।"

गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर उन्होंने कहा, "हम सभी का मानना ​​है कि सीटों का बंटवारा योग्यता के आधार पर होना चाहिए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मैं एक साथ बैठकर प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र पर चर्चा करेंगे और जिस पार्टी की किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र पर मजबूत पकड़ होगी, उसे वह सीट मिलेगी... हमने 2019 के विधानसभा चुनावों में 56 सीटें जीती थीं और हमारे साथ लगभग छह-सात निर्दलीय विधायक हैं। इसलिए हम इन 60 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन हम निश्चित रूप से अधिक सीटों की मांग करेंगे और यह चुनावी योग्यता के आधार पर तय किया जाएगा।"

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