एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा का खुलासा किया है।
एक पदाधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री शाह के दौरे के दौरान शिवसेना ने 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात रखी है। उन्होंने बताया कि शाह के सामने पूर्व में अविभाजित शिवसेना के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में भी पार्टी के प्रदर्शन को प्रेजेंटेशन दिया गया।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रिपोर्टों का खंडन किया है कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर अलग से मुलाकात की। पवार ने कहा कि उनकी मुलाकात...
एनसीपी (SP) नेता जयंत पाटिल ने दावा किया है कि अजित पवार अब अपनी इच्छा से नहीं बोलते बल्कि उन्होंने अपने के लिए मोटे वेतन पर सलाहकार रखे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे के दौरान इस संकट को दूर करने की कोशिश की। उन्होंने शिवसेना, एनसीपी और भाजपा के बीच सीट शेयरिंग को लेकर चल रहे मतभेदों को दूर करने के लिए दिग्गज नेताओं संग बैठक की और अच्छी सीटें देने का वादा किया।
शिव सेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि अजित पवार का अपने राजनीतिक कदमों पर पछतावा करने का कोई अर्थ नहीं है। राउत ने दावा किया कि पवार को आगामी विधानसभा चुनाव में बारामती से हार का सामना करना...
अजित पवार ने गढ़चिरौली में एक रैली में बोलते हुए कहा कि समाज कभी भी इसे (परिवार तोड़ने की हरकत) स्वीकार नहीं करता। बता दें कि पिछले साल अजित पवार ने एनसीपी के कई विधायकों के साथ अलग गुट बना लिया था और महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए थे।
अजित पवार ने शरद पवार का साथ छोड़कर एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस से हाथ मिला लिया था और महायुति सरकार में शामिल हो गए। अब अजित पवार की वजह से ऐसी चर्चाएं हैं कि महायुति में सबकुछ सहज नहीं है।
अजित पवार ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी महायुति गठबंधन के हिस्से के रूप में 60 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति गठबंधन में सीटों के बंटवारे की बात चल रही है। लेकिन यहां भाजपा और एनसीपी के बीच 21 सीटों पर पेच फंस गया है। यह वो 21 सीटें हैं जिन पर 2019 के विधानसभा चुनाव में दोनों दलों में काफी करीबी मुकाबला हुआ था।
विधानसभा चुनाव करीब आते ही महाराष्ट्र में सियासी हलचलें तेज हो चली हैं। सत्ताधारी महायुति गठबंधन के बड़े नेता भी पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार समेत कई शीर्ष नेताओं ने नागपुर में बैठक की।
रविवार को 2 और बड़े नेताओं ने महाविकास अघाड़ी का दामन थामने के संकेत दिए हैं। इनमें उप मुख्यमंत्री अजित पवार गुट के विधायक अतुल बेंके और भारतीय जनता पार्टी नेता और पूर्व विधायक मदन भोसले का नाम शामिल है।
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों की घोषणा अगले माह होने की संभावना है। चुनाव अक्तूबर-नवंबर में होने हैं। ऐसे में भाजपा राज्य में अपनी गठबंधन सरकार को बरकरार रखने के लिए अपने सहयोगियों को पूरी तरह से साधने में जुटी हुई है।
अजित पवार को काला झंडा दिखाए जाने के बाद एनसीपी और बीजेपी आमने-सामने आ गई है। NCP के प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने BJP के नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस घटना पर स्पष्टीकरण मांगा है। NCP, BJP और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना राज्य में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ के घटक दल हैं।
कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी ने कहा, ‘मैं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का स्वागत करने की जिम्मेदारी ले रहा हूं, क्योंकि उनकी रैली मेरे विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरेगी।'
महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के बारे में बात करते हुए पवार ने भीड़ में मौजूद महिलाओं से कहा कि वे अपने परिवार को छोटा रखें।
वह अहमदनगर जिले के कर्जत-जामखेड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़कर रणनीतिक कदम उठा सकते हैं। यह मौजूदा विधायक रोहित पवार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के राम शिंदे को हराकर सीट जीती थी।
अजित पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उनके और चाचा शरद पवार के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है क्योंकि वे अपना-अपना चुनाव अभियान चला रहे हैं। ANI को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने चाचा के इंडिया गठबंधन की जाति जनगणना की मांग का भी समर्थन किया और कहा कि एकबार यह हो ही जाना चाहिए।
2019 के लोकसभा चुनावों में अजित पवार के बड़े बेटे पार्थ पवार को मावल निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना के श्रीरंग बारने ने दो लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।
अजित पवार ने हाल ही में सार्वजनिक तौर पर यह स्वीकार किया था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ पत्नी को उतारकर बड़ी गलती की। अब इस पर प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि यह उनका निजी मामला है।
रोहित ने यह हमला तब बोला है, जब एक दिन पहले ही उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने यह स्वीकार किया है कि बारामती लोकसभा में बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाना उन्होंने गलती की थी। अजित पवार के इस कबूलनामे के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही है।
जयंत पाटिल ने कहा, 'अगर वह (अजित पवार) पार्टी छोड़कर नहीं जाते, तो वह मुख्यमंत्री बन जाते। MVA के लिए अभी हालात अच्छे हैं। अगला CM सिर्फ महाविकास अघाड़ी से होगा।' नेताओं की शरद पवार गुट में वापसी को लेकर कहा, 'वो हमारे संपर्क में हैं, लेकिन मैं इस भरोसे में नहीं रहना चाहता कि वो वापस आ रहे हैं…।'
अजित पवार के तेवर भी ढीले दिख रहे हैं। अब तो उन्होंने बारामती में पत्नी और बहन को आमने-सामने उतारने को अपनी गलती बताया। मंगलवार को अजित पवार ने कहा कि पत्नी को अपनी बहन के खिलाफ चुनाव मैदान में नहीं खड़ा करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अब फैसले को वापस तो नहीं ले सकते, लेकिन यह एक बड़ी गलती थी।
अजित पवार ने कहा, ‘‘सभी आगे निकल गए और मैं पीछे रह गया।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस पहली बार 1999 में और शिंदे 2004 में विधायक बने थे, जबकि वह पहली बार 1990 में विधानसभा के सदस्य बने थे।
अजीत पवार ने छिपकर दिल्ली जाकर अमित शाह से मिलने जाने के आरोपों को लेकर कहा है कि वह खुलकर राजनीति करने वाले व्यक्तियों में से हैं। अगर यह आरोप साबित होते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, नासिक में पत्रकारों को दिए अपने जवाब में पवार ने जोर देकर कहा कि वे गुप्त राजनीति में शामिल नहीं हैं। पवार ने कहा कि मैं लोकतंत्र में काम करने वाला कार्यकर्ता हूं।
NCP Dispute Supreme Court: महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने 15 फरवरी को अपने आदेश में कहा था कि अजित पवार नेतृत्व वाली एनसीपी समूह असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है।
महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के लिए एक अनार सौ बीमार जैसे हालात बन गए हैं। आलम यह है कि यहां पर सीट शेयरिंग सिरदर्द बनती जा रही है। भाजपा के सहयोगी दल उम्मीद लिए दिल्ली का चक्कर काट रहे हैं।
महाराष्ट्र में भाजपा के लिए घटक दलों को साथ रखना इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि लोकसभा चुनाव में भगवा खेमे का यहां काफी निराशाजनक प्रदर्शन रहा था। 48 में से सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली थी।
पिंपरी चिंचवाड़ के NCP चीफ अजित गव्हाणे ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उनके अलावा स्टूडेंट विंग के चीफ यश साने, पूर्व कॉर्पोरेटर राहुल भोसले और पंकज भालेकर ने इस्तीफा दे दिया था।