तेज हुआ एकनाथ शिंदे का ऑपरेशन टाइगर! अब कांग्रेस को लगने वाला है बड़ा झटका
- रविंद्र धंगेकर ने यहां पत्रकारों से कहा कि वह सोमवार शाम उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करेंगे और उसके बाद शिवसेना में शामिल होने को लेकर अंतिम फैसला लेंगे।
महाराष्ट्र के पूर्व कांग्रेस विधायक रविंद्र धंगेकर ने सोमवार को कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया और संकेत दिया कि वह एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो सकते हैं। पिछले कुछ महीनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि वर्ष 2023 में महाराष्ट्र के पुणे जिले की कसबा विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीतने वाले धंगेकर सत्तारूढ़ शिवसेना में शामिल हो सकते हैं।
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें पुणे सीट से चुनावी जंग में उतारा था, लेकिन वह भाजपा के मुरलीधर मोहोल से हार गए थे। इसके बाद वर्ष 2024 के राज्य विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने कसबा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भाजपा के हेमंत रासने ने उन्हें पराजित किया। वर्ष 2023 के कसबा उपचुनाव में धंगेकर ने रासने को हराया था।
धंगेकर ने यहां पत्रकारों से कहा कि वह सोमवार शाम उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करेंगे और उसके बाद शिवसेना में शामिल होने को लेकर अंतिम फैसला लेंगे।
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस छोड़ना दुखद है। चुनावों में सभी ने मेरे लिए मेहनत की, लेकिन मेरे समर्थकों और मतदाताओं की भावनाएं हैं कि मुझे ऐसा फैसला लेना चाहिए जिससे (कसबा) क्षेत्र में विकास कार्य हो सकें।'
उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने शिंदे और शिवसेना के मंत्री उदय सामंत से मुलाकात की थी जिन्होंने उन्हें साथ काम करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा, 'अपने समर्थकों और मतदाताओं से चर्चा के बाद यह तय किया गया कि हमें शिंदे के साथ काम करना चाहिए। मैं आज उनसे मिलूंगा और उसके बाद निर्णय लूंगा।'
खास बात है कि धांगेकर ने 90 के दशक में शिवसेना से ही राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। साल 2023 में भाजपा के गढ़ कस्बा पेठ में जीत के बाद वह चर्चा में आ गए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, उन्होंने कहा, 'मेरी एकनाथ शिंदे और उदय सामंत के साथ कुछ बैठकें हुई हैं। उन्होंने जोर दिया है कि मैं शिवसेना में शामिल हो जाऊं। मेरे क्षेत्र में समर्थकों और आम जनता से मिलकर मुझे एहसास हुआ कि जब तक आप सरकार में नहीं हैं, तब तक आपका काम होना मुश्किल है। इसलिए मैंने यह फैसला लिया।'
शिवसेना के अलावा वह राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का भी हिस्सा रहे हैं। साल 2017 में उन्होंने मनसे से नाता तोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। कहा जा रहा है कि धांगेकर की एंट्री से शिवसेना को पुणे जिले में फायदा हो सकता है। खासतौर से ऐसे समय में जब निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। धांगेकर से पहले जुन्नार विधायक शरद सोनवाने भी शिवसेना में शामिल हो गए थे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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