अबू आजमी को जेल में डालेंगे, औरंगजेब विवाद पर फडणवीस की दो टूक; क्या बोले SP विधायक?
- मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि जो भी छत्रपति शिवाजी और छत्रपति संभाजी का अपमान करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मुगल बादशाह औरंगजेब पर बयान देने वाले समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आसिम आजमी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से बाहर किया गया अब उन्हें जेल में डालने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने पर महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित किए गए सपा के विधायक अबू आसिम आजमी को शत प्रतिशत जेल में डाला जाएगा। वहीं सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कहा कि औरंगजेब की प्रशंसा मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके योद्धा-पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान है।
जो छत्रपति का अपमान करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा: सीएम फडणवीस
विधान परिषद में जब विपक्ष के नेता और शिवसेना (यूबीटी) के सदस्य अंबादास दानवे ने फडणवीस से पूछा कि आजमी को उनकी टिप्पणी के लिए जेल क्यों नहीं भेजा गया, तो उन्होंने कहा कि मुंबई के मानखुर्द-शिवाजी नगर से विधायक आजमी को शत प्रतिशत जेल में डाला जाएगा। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि जो भी छत्रपति शिवाजी और छत्रपति संभाजी का अपमान करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
अपने निलंबन पर क्या बोले अबू आजमी
बजट सत्र के समाप्त होने तक विधानसभा से निलंबित किए गए आजमी ने कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि उन्हें विवादास्पद टिप्पणी वापस लेने के बावजूद दंडित किया गया है। बजट सत्र 26 मार्च को समाप्त होगा। आजमी के कार्यालय द्वारा जारी एक वीडियो बयान में समाजवादी पार्टी के नेता ने दावा किया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है, लेकिन सदन में सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने विधानसभा के बाहर की गई टिप्पणियों को वापस ले लिया। उन्होंने कहा, ‘‘फिर भी मुझे निलंबित कर दिया गया।’’ आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमा अफगानिस्तान और बर्मा (म्यांमा) तक फैली हुई थी।
विधायक ने दावा किया, ‘‘हमारी जीडीपी (विश्व जीडीपी का) 24 प्रतिशत थी और भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।’’ औरंगजेब और मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर आजमी ने इसे राजनीतिक लड़ाई करार दिया था। उनकी टिप्पणियों के चलते मंगलवार को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उनके निलंबन और देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की।
उद्धव ठाकरे भी हुए उग्र
वहीं शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष एवं विधान परिषद सदस्य उद्धव ठाकरे ने कहा कि किसी को भी राष्ट्रीय नायकों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ठाकरे ने मांग की, ‘‘उन्हें (आजमी को) स्थायी रूप से (विधानसभा से) निलंबित किया जाना चाहिए।’’
बुधवार को यह मुद्दा विधान परिषद में भी उठा, जहां विपक्ष ने अभिनेता राहुल सोलापुरकर और पूर्व पत्रकार प्रशांत कोराटकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जो राष्ट्रीय नायकों पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए आलोचना का सामना कर रहे हैं। पुलिस ने एक इतिहासकार को धमकी देने और छत्रपति शिवाजी महाराज तथा उनके बेटे संभाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में नागपुर स्थित कोराटकर पर मामला दर्ज किया है। सोलापुरकर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है।
भाई जगताप (कांग्रेस) ने कहा कि आजमी द्वारा की गई टिप्पणियों और कोराटकर तथा सोलापुरकर द्वारा की गई टिप्पणियों से निपटने के लिए अलग-अलग पैमाने नहीं हो सकते। दानवे (शिवसेना-यूबीटी) ने कहा कि सोलापुरकर को पुणे नगर निगम की सांस्कृतिक समिति में नियुक्त किया गया है। नेता विपक्ष ने कहा कि कोराटकर का मोबाइल जब्त कर लिया गया है लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी बात पर अमल करना चाहिए।
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