MP में ठगों की नई करतूत, दुकान पर लगे QR कोड बदलकर लूट को देने लगे अंजाम; ऐसे खुली पोल
- अपराधी इन दिनों पैसे लूटने के नए-नए पैतरें अपना रहे हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर से लूट का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां अपराधियों ने ठगी के लिए नया रास्ता अपनाते हुए दुकानों में लगे क्यूआर कोड ही बदल दिए।
अपराधी इन दिनों पैसे लूटने के नए-नए पैतरें अपना रहे हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर से लूट का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां अपराधियों ने ठगी के लिए नया रास्ता अपनाते हुए दुकानों में लगे क्यूआर कोड ही बदल दिए। इससे आसानी से ग्राहकों द्वारा दिया गया रुपया अपराधी के अकाउंट में जाने लगा। इसकी पोल खुली तो पुलिस चोरी की इस कड़ी की जांच में जुट गई। खजुराहो थाना प्रभारी अतुल दीक्षित ने इन घटनाओं की पुष्टि की है।
मामाल छतरपुर जिले के खजुराहो इलाके का है। यहां पेट्रोल पंप समेक करीब आधा दर्जन प्रतिष्ठान इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं। अपराधियों ने कुछ दुकानों पर क्यूआर कोड को फर्जी कोड से बदला तो कुछ जगहों पर दुकानों के क्यूआर कोड को अपने खुद के कोड से बदल दिया। वहीं कुछ मामले में ऑरिजनल कोड के ऊपर नया कोड चिपका दिया। इस धोखाधड़ी से ग्राहकों द्वारा पे(भुगतान) किए जाने वाले पैसे ठगों के अकाउंट में जाने लगे।
थाना प्रभारी अतुल दीक्षित ने इंडिया टुडे को बताया कि इस तरह का मामला हमारे संज्ञान में आया है, हालांकि दुकानदारों ने अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है। मगर फिर भी हम मामले की जांच कर रहे हैं और दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, चोरी का पता तब चला जब स्टोर मालिकों ने सुबह अपनी दुकानें खोलीं, तो उन्हें पता चला कि उन्हें ग्राहकों द्वारा भुगतान किए जा रहे रुपये नहीं मिल रहे हैं। मेडिकल शॉप चलाने वाली ओमवती गुप्ता ने कहा कि एक खरीदार ने उन्हें बताया कि स्कैन किए जा रहे क्यूआर कोड में स्टोर के नाम के बजाय एक अलग नाम, छोटू तिवारी दिखाई पड़ रहा था।
जानकारी मिलते ही मेडिकल शॉप की मालकिन ने तुरंत फर्जी कोड बदल दिया और दुकान के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। इसमें तीन नकाबपोश लोग देर रात असली कोड बदलते हुए दिखाई दिए। पेट्रोल पंप पर ग्राहकों ने भी छोटू तिवारी नाम का ही क्यूआर कोड दिखाए जाने की शिकायत की थी।
एक अन्य मामले में नितेश गुप्ता नामक एक स्टोर के मालिक को अपनी दुकान के बाहर चिपकाए गए एक फर्जी क्यूआर कोड के कारण 985 रुपये और 10 रुपये का नुकसान हुआ। अन्य पीड़ितों में एक फेमस बिरयानी और अंडे की दुकान, एक पान की दुकान और अन्य लोकल दुकानें शामिल थी। अधिकारियों ने अब प्रतिष्ठानों से नियमित रूप से अपने क्यूआर कोड का चेक करने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने के लिए कहा है।
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