कई समस्याओं का समाधान है आयुर्वेदिक डिटॉक्स चाय, एक्सपर्ट ने फायदे के साथ बताया बनाने का तरीका
- सूजन, अपच, मतली, सिरदर्द से लेकर पीरियड्स में ऐंठन की समस्या तक से निपटने के लिए आयुर्वेदिक डिटॉक्स चाय बेस्ट है। यहां एक्सपर्ट से जानिए इसके फायदे और बनाने का तरीका-
सेहत से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी होने पर ज्यादातर लोग दवाइयां खाना शुरू कर देते हैं। लेकिन इनके कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अगर आपको कोई ऐसी समस्या है जिसका घरेलू इलाज किया जा सकता है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। कई तरह की कॉमन समस्याओं से निपटने के लिए आयुर्वेदिक चाय पी जा सकती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने हाल ही में एक आयुर्वेदिक डिटॉक्स चाय के बारे में बताया है जो कई दिक्कतों को दूर कर सकती है। जानिए, इस चाय के फायदे और बनाने का तरीका।
क्या है ये चाय
इस आयुर्वेदिक चाय को सीसीएफ टी भी कहा जाता है। जीरा, धनिया और सौंफ से बनने वाली इस चाय को पीने से पाचन संबंधी फायदे भी मिलते हैं। एक्सपर्ट ने इस चाय के कुछ फायदों के बारे में बताया है। जानिए-
-सूजन से राहत
-पेट फूलना कम करें
-आंत में ऐंठन को शांत करें
-मुंहासों कम
-पेट दर्द कम
-भूख को उत्तेजित
-मतली और उल्टी को कम
-लिवर और किडनी डिटॉक्स करे
-पीरियड्स की ऐंठन को शांत करे
-ब्लड शुगर को संतुलित करने में मदद
-मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा
- फैटी लीवर के लिए बेस्ट
कैसे बनाएं आयुर्वेदिक चाय
इस चाय को बनाने के लिए आपको चाहिए-
-जैविक जीरा
-धनिया के बीज
-सौंफ के बीज
कैसे बनाएं ये चाय
इस चाय को बनाने के लिए सबसे पहले एक जार में चाय तैयाक कर लें। इसके लिए सभी चीजों को बराबर मात्रा में मिलाएं और एक कांच के जार में रखें। फिर चाय बनाने के लिए पैन में एक लीटर पानी गर्म करें और हर व्यक्ति के मुताबिक1 चम्मच जीरा, सौंफ, धनिया के मिलाए और इसे कम से कम 7-10 मिनट तक उबलते पानी में रहने दें। उबलने के बाद इसे छनकर पीएं
क्या है इस चाय को पीने का सही समय
इस चाय को पीने का सही समय जरूर जान लें। ये चाय सुबह खाली पेट और खाने के 1 घंटे बाद ले सकते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी के समय अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के बिना इसे खाने से बचना चाहिए क्योंकि सौंफ के बीज पीरियड्स फ्लो को उत्तेजित कर सकते हैं या
खून के थक्के बनने की क्षमता में परेशानी कर सकते हैं।
इन लोगों के लिए बेस्ट
अगर आपको या फिर आपके किसी भी जानने वाले तो पाचन संबंधी समस्याओं, थायरॉइड, बांझपन, हार्मोनल समस्याओं, डायबिटीज, पीसीओएस से पीड़ित है और आयुर्वेदिक तरीके से ठीक होना चाहते हैं तो ये उनके लिए काफी अच्छी साबित हो सकती है।
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