झारखंड के शिक्षकों को मिलने जा रही है एक और नई जिम्मेदारी, जानें क्या है तैयारी
राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अब केस-मुकदमा भी निपटाएंगे। वैसे शिक्षक जिन्होंने लॉ की डिग्री ली है, उन्हें इस काम में लगाया जाएगा। इसके लिए जिलों से लॉ डिग्रीधारी...
राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ अब केस-मुकदमा भी निपटाएंगे। वैसे शिक्षक जिन्होंने लॉ की डिग्री ली है, उन्हें इस काम में लगाया जाएगा। इसके लिए जिलों से लॉ डिग्रीधारी शिक्षकों की सूची मांगी गई है। यह शिक्षक शिक्षा विभाग से जुड़े केस को कोर्ट में निपटाएंगे।
लॉ डिग्री वाले शिक्षक अगर सुदूरवर्ती इलाकों में पदस्थापित हैं तो उनकी तैनाती या प्रतिनियुक्ति जिला मुख्यालय में होगी। शिक्षकों को उनकी सहमति के बाद के लाया जाएगा। वे आधे समय तक स्कूल में पढ़ाएंगे, उसके बाद शिक्षा विभाग से जुड़े केस-मुकदमों को निपटाने में मदद करेंगे। इसके लिए डीईओ कार्यालय में जिलों के कोर्ट केस से संबंधित सुझाव भी देंगे। वर्तमान में शिक्षकों और शिक्षा विभाग की ओर से कई केस कोर्ट में लंबित हैं। कई बार समय पर कोर्ट में जवाब फाइल नहीं होने से से शिक्षा अधिकारियों और सरकार को कोर्ट में हाजिर होना पड़ता है। वर्तमान में जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय समेत शिक्षा विभाग के कार्यालयों में लॉ ग्रैजुएट या कानून की जानकारी रखने वाले गिने चुने ही कर्मचारी हैं।
डिजिटल कंटेंट के लिए शिक्षकों की टीम बनेगी
राज्य के सभी जिलों में तकनीकी शिक्षा वाले शिक्षकों की टीम बनेगी। इसमें कंप्यूटर साइंस, तकनीकी शिक्षा और वोकेशनल पढ़ चुके शिक्षकों को रखा जाएगा। जिला स्तर पर यह टीम बच्चों के लिए डिजिटल कंटेंट तैयार करेगी। वर्तमान में झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के 30 शिक्षकों और पदाधिकारियों की टीम डिजिटल कंटेंट तैयार कर रही है। यह टीम डीजी-साथ और दूरदर्शन के जरिए उपलब्ध कराए जा रहे कंटेंट तैयार कर रही है। कुछ शिक्षक अपनी ओर से कंटेंट तैयार कर भी उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसे में जिला स्तर पर तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वाले शिक्षकों की टीम तैयार होने के बाद वहां भी डिजिटल कंटेंट तैयार हो सकेंगे।