Jharkhand News : जिलों ने हाईस्कूलों को बता दिया प्राथमिक और मध्य विद्यालय
शिक्षा विभाग के अधिकारी परेशान हैं। जिन स्कूलों को शिक्षा विभाग के आंकड़े हाई स्कूल दिखा रहे हैं उन्हें जिलों से भेजी गई रिपोर्ट में माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय बताया जा रहा है। और ऐसा एक-दो...
शिक्षा विभाग के अधिकारी परेशान हैं। जिन स्कूलों को शिक्षा विभाग के आंकड़े हाई स्कूल दिखा रहे हैं उन्हें जिलों से भेजी गई रिपोर्ट में माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय बताया जा रहा है। और ऐसा एक-दो विद्यालयों के बारे में नहीं, कुल 146 विद्यालयों के बारे में बताया जा रहा है।
मात्र इतना ही होता तो गनीमत होती। जिलों से शिक्षा विभाग के पास गलत जानकारी भेजे जाने का आलम यह है कि वहां से करीब दर्जनभर ऐसे स्कूलों के नाम दिए गए हैं, जिनका जमीन पर कोई अस्तित्व ही नहीं है। ऐसे मामलों के पकड़ में आने के बाद स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने संबंधित जिलों में गलत जानकारी देने वाले पदाधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
दरअसल मामला यह है कि शिक्षा विभाग ने सभी जिलों से उनके यहां चल रहे सरकारी स्कूलों के संबंध में जानकारी संबंधी आंकड़ा मंगाया था। इसमें हर स्कूल के विषयवार स्वीकृत पद, कार्यरत शिक्षक और वहां छात्र-छात्राओं के हुए कुल नामांकन की जानकारी देनी थी। लापरवाही का यह आलम रहा कि दो बार जिलों को रिमाइंडर भेजने के बावजूद उनके यहां से स्कूलों के बारे में सही आंकड़े नहीं आ सके। मिली जानकारी के अनुसार सूबे के दुमका, पलामू, देवघर और गढ़वा के अलावा पश्चिमी सिंहभूम में जानकारियों के संबंध में सबसे ज्यादा गड़बड़ी के मामले सामने आए हैं। शिक्षा विभाग ने इन जिलों के उन लिपिक और कंप्यूटर ऑपरेटर से स्पष्टीकरण पूछते हुए उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है जिन्होंने जानकारियों से संबंधित आंकड़ा अपलोड किया है। हालांकि कुछ जिलों ने इस मामले में अच्छा काम किया है।
इस मामले में चतरा, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, जामताड़ा, कोडरमा, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम, रामगढ़, साहिबगंज, सरायकेला और सिमडेगा जिलों का काम ठीक रहा है। इन जिलों ने अपने यहां के सभी स्कूलों के बारे में सही जानकारी शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराई है। शिक्षा विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि स्कूलवार स्वीकृत पदों की संख्या के संबंध में पूरी जानकारी जिलों में मौजूद है। इसी जानकारी के आधार पर काउंसिलिंग कर संबंधित जिलों में शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। साथ ही, इसी जानकारी के आधार पर जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति द्वारा स्कूलवार शिक्षकों की पोस्टिंग भी की गई है। ऐसे में स्वीकृत इकाई के लिए समिति की कार्यवाही को आधार बनाया जा सकता है।