JEE Main 2023: लोहरदगा का आयुष बना झारखंड टॉपर, मिले इतने परसेंटाइल
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेईई मेन 2023 के पहले सत्र का परिणाम सोमवार देर रात जारी कर दिया। लोहरदगा के आयुष कुमार सिंह को अब तक सर्वाधिक परसेंटाइल प्राप्त हुआ है। सफलता का श्रेय माता-पिता को दी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेईई मेन 2023 के पहले सत्र का परिणाम सोमवार देर रात जारी कर दिया। लोहरदगा के आयुष कुमार सिंह को अब तक सर्वाधिक परसेंटाइल प्राप्त हुआ है। आयुष को 99.99 परसेंटाइल मिला है। वह रांची के एलए गार्डन स्कूल से 12वीं की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने 10वीं की पढ़ाई डीएवी लोहरदगा से की थी। जेईई मेंस के पहले सेशन की परीक्षा 24 जनवरी से 1 फरवरी के तक हुई थी। रांची में परीक्षा के लिए तीन केंद्र बनाए गए थे। स्व. रामश्रेष्ठ सिंह के प्रपौत्र व हिंडालकोकर्मी पिता रविभूषण सिंह व नीलिमा सिंह के पुत्र आयुष कुमार सिंह को जेईई परीक्षा में झारखंड टॉपर बनने का गौरव प्राप्त हुआ। हैरानी की बात है कि आज भी आयुष बटन वाला फोन ही इस्तेमाल करते हैं।
आदित्य प्रकाश को 99.984 परसेंटाइल के साथ दूसरा स्थान
आदित्य प्रकाश ने 99.984 परसेंटाइल प्राप्त कर दूसरा स्थान हासिल किया। तीसरे स्थान पर साबील अहमद रहे, जिन्हें 99.982 परसेंटाइल प्राप्त हुआ। इनके अलावा प्रतीक रतन को 99.95, किसलय को 99.93, निशांत रंजन को 99.915, अपूर्व ओजस्वी को 99.90, आर्यन सिंह को 99.85, कुमार सर्वज्ञ को 99.81 परसेंटाइल प्राप्त हुआ है।
आयुष ने माता-पिता और बड़ी बहन को दिया इसका श्रेय
आयुष ने परीक्षा में 99.995 परसेंटाइल से अधिक अंक हासिल किए हैं। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और एमबीबीएस फाइनल ईयर की छात्रा बड़ी बहन आयुषी को दिया है। वह एमबी डीएवी पब्लिक स्कूल लोहरदगा से 97.6 अंक लाकर जिला टॉपर बना था। वह इस बार इंटर की परीक्षा लिखेगा। झारखंड टॉपर के अलावा आयुष नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग का झारखंड टॉपर है। उसे भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय की ओर से किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना के तहत फेलोशिप भी मिलता है।
जब वह दसवीं कक्षा में पढ़ रहा था। उसी समय मंत्रालय के द्वारा जूनियर साइंटिस्ट कैंप नॉलेज एंड अवेयरनेस मैपिंग प्लेटफॉर्म 2020 क्रिटिकल थिंकर अवार्ड मिला था।
नेशनल टैलेंट सर्च एग्जाम में भी मिल रहा स्कॉलरशिप
इसके अलावा जेईई स्टेट टॉपर होने के साथ उसे नेशनल टैलेंट सर्च एग्जाम में भी स्कॉलरशिप मिल रहा है। आयुष बड़ी बहन आयुषी पटना में एमबीबीएस फाइनल ईयर में है। वह भी लोहरदगा से ही मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास की थी। छोटी बहन आस्था सिंह रांची के जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में प्लस टू में पढ़ते हुए मेडिकल की तैयारी कर रही है।
आईआईटी मुंबई के कंप्यूटर साइंस में चाहिए दाखिला
आयुष ने कहा, उसका लक्ष्य एडवांस परीक्षा में सफल होकर आईआईटी मुंबई के कंप्यूटर साइंस में दाखिला लेना है। नई खोज के साथ समाज व देश के लिए कुछ करना है। आयुष के दादा रामश्रेष्ठ सिंह किसान थे। कहा कि हमें अपने दोनों बेटियों और बेटे पर गर्व है। लोहरदगा जैसे छोटे जगह में आरंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन उपलब्धियों को हासिल कर यह साबित कर दिया है कि अगर मेहनत और लगन हो तो सफलता कहीं से भी हासिल किया जा सकता है। रवि भूषण सिंह अपने तीनों बच्चों को पढ़ाने के अलावा अपने भतीजा-भतीजी को भी रखकर पढ़ा रहे हैं। शिक्षा के प्रति उनका लगाव जबरदस्त है। आज भी आयुष के पास जो टैब है, उसमें सिर्फ उसके विषय से संबंधित मटेरियल ही है। अन्य ऐप लॉक है। वह मैट्रिक पास करने के बाद रांची में रहकर दो साल से फिटजी में कोचिंग कर रहा था।