झारखंड जमीन घोटाला- माफियाओं ने 1800 एकड़ जमीन हड़पी, 3000 करोड़ के अपराध में हेमंत सोरेन भी नामित; ईडी
झारखंड जमीन घोटाला में 3000 करोड़ रुपये के अपराध की बात सामने आई है। इसमें करीब 1800 एकड़ आदिवासी जमीन को माफियाओं ने कागजों में फेरबदल करके हड़प लिया है। इस विवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नाम भी शामिल है।
प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के अनुसार झारखंड जमीन घोटाला में माफियाओं ने करीब 1800 एकड़ आदिवासी भूमि हड़प ली है। इसके लिए माफियाओं ने जमीन के कागजों में बदलाव करके ये काम किया है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इसी केस में जेल गए थे, जो फिलहाल जेल से बाहर हैं। लोगों ने बताया कि एजेंसी को इस मामले में जमीन हड़पने की कई शिकायतें मिली हैं, इसमें 3000 करोड़ रुपये के अपराध का मामला सामने आया है।
यह मामला छोटा नागपुर किराएदार अधिनियम के तहत बिनी बिक्री योग्य जमीन को कथित तौर पर हड़पने का है। सोरेन जैसे हाई प्रोफाइल लोगों, कई बड़े अधिकारियों और बिचौलियों को गिरफ्तार करने के बाद जमीन हड़पने के मामलों में और भी शिकायतें दर्ज हुई हैं। जांच में पाया गया कि 1800 एकड़ जमीन इस तरह से माफिया लोगों ने हड़प ली थी। ईडी के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इस अपराध में शामिल जमीन की कीमत करीब 3000 करोड़ रुपए है। हम सभी शिकायतों की जांच कर रहे हैं और आगे की कार्रवाई भी जारी है।
अब तक हेमंत सोरेन समेत 25 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एजेंसी ने दावा किया है कि भूमि हड़पने वालों और राजस्व कार्यालय में बैठे उनके सहयोगियों ने साल 1932 तक के कागजों में फेरबदल कर दिए हैं। मुख्यमंत्री सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें 28 जून को जेल से छोड़ा गया। ईडी ने मार्च में दायर की गई चार्जशीट में आरोप लगाया था कि झामुओ नेता ने रांची में करीब 31 करोड़ रुपए की कीमत की 8.86 एकड़ जमीन हासिल की थी। हालांकि सोरेन ने इस आरोप से इंकार किया था। बीते साल चलाए गए सर्च अभियान में ईडी ने आरोपी भानू प्रताप प्रसाद के घर से 11 ट्रंक दस्तावेज बरामद किए थे। इसमें 17 मूल रजिस्टर भी थे।
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