झारखंड में 2 नाबालिगों से बलात्कार मामले में अदालत का फैसला, आखिरी सांस तक जेल की सजा सुनाई
- पीड़िताओं की मां के बयान के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। मामला दर्ज होने के एक दिन बाद पुलिस ने आरोपी बिधान चंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था।
झारखंड के गोड्डा जिले में दो साल पहले दो नाबालिग बहनों से दुष्कर्म करने के मामले में अदालत ने दोषी पाए गए शख्स को गुरुवार को आखिरी सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही अदालत ने उस पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) सह जिला न्यायाधीश-1 पवन कुमार की अदालत ने बिधान चंद्र चौधरी को अपराध का दोषी पाया और उसे मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
यह घटना मोतिया पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले एक गांव में हुई थी। जुर्माना भुगतान न करने की स्थिति में उसे दो साल और कारावास की सजा काटनी होगी। इसके अलावा अदालत ने दोषी को पॉक्सो अधिनियम के तहत सात साल कारावास की सजा सुनाई और एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने पर उसे एक साल की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
मामले में दर्ज पुलिस FIR के अनुसार, वारदात वाले दिन लड़कियों को स्कूल भेजने के बाद उनके माता-पिता 13 मार्च, 2023 की दोपहर को जरूरी काम से गोड्डा चले गए थे। वहीं स्कूल से लौटने के बाद दोनों लड़कियां दोषी शख्स के परिसर के पास खेलने गई थीं, जब वह उन्हें एक कमरे में ले गया और वारदात को अंजाम दिया।
गोड्डा से वापस आने के बाद लड़कियों के माता-पिता को अपनी बच्चियां नहीं मिलीं, जिसके बाद उन्होंने उन दोनों की तलाश शुरू की और उन्हें एक कमरे में रोते हुए पाया। दरअसल आरोपी बिधान चंद्र चौधरी अपराध करने के बाद उन्हें कमरे में बंद करके दरवाजा लगाकर भाग गया था। लड़कियों को बचाया गया जिसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता को आपबीती सुनाई।
पीड़िताओं की मां के बयान के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। मामला दर्ज होने के एक दिन बाद पुलिस ने आरोपी बिधान चंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर लिया था।