टाटा स्टील : शराब पीकर ड्यूटी करने वाले को सात की जगह दो दिन का निलंबन
टाटा वर्कर्स यूनियन की मैराथन कमेटी मीटिंग में कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में यूनिफार्म वेज स्ट्रक्चर समझौते की प्रति सार्वजनिक न करने पर नोकझोंक हुई। अध्यक्ष ने पीएमएस लागू न...

टाटा वर्कर्स यूनियन की मैराथन कमेटी मीटिंग सोमवार को यूनियन के माइकल जॉन ऑडिटोरियम में सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े चार बजे तक चली। वर्षों बाद कमेटी मीटिंग में कमेटी मेंबरों ने कर्मचारियों से जुड़े हर मुद्दे पर तल्खी के साथ अपनी बात रखी। लगभग साढ़े सात घंटे तक चली बैठक में यूनिफार्म वेज स्ट्रक्चर समझौते की प्रति सार्वजनिक नहीं किए जाने पर पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय और अध्यक्ष संजीव चौधरी के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। अधिकतर कमेटी मेंबरों और यूनियन ऑफिस बेयरर्स द्वारा यह मुद्दा उठाने पर अध्यक्ष ने इसे पूर्व की प्रैक्टिस बताया, लेकिन बदली परिस्थिति में प्रति सार्वजनिक करने पर सहमति जताई। अन्य सवालों के जवाब में अध्यक्ष और महामंत्री ने कर्मचारियों के लिए पीएमएस (परफॉर्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम) यानी अधिकारियों की तरह कर्मचारियों का अप्रैजल सिस्टम लागू नहीं किए जाने की घोषणा की।
हाल के दिनों में कमेटी मेंबरों के खिलाफ हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई और यूनियन की भूमिका पर उठे सवालों पर अध्यक्ष ने कहा कि इसमें यूनियन की कोई संलिप्तता नहीं है। सुरक्षा मामले में कंपनी के गाइडलाइन के अनुसार ही कार्रवाई होती है। बैठक में बताया गया कि अब शराब पीकर ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को गेट पर पकड़े जाने पर सात दिन की जगह केवल दो दिन के लिए निलंबित किया जाएगा। एलटीसी और ग्रेड रिवीजन पर अध्यक्ष ने कहा कि संतोषजनक समझौते के लिए इंतजार करना पड़ेगा। कंपनी की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई और भविष्य में रोजगार के अवसर बढ़ने की बात कही गई। नई कंपनियों को लेकर अध्यक्ष ने कहा कि पहले भी एनएस ग्रेड का विरोध किया गया था, लेकिन बाद में रोजगार में वृद्धि देखी गई थी। इसी तरह नई कंपनियों से भी रोजगार बढ़ेगा। महामंत्री ने कहा कि अधिकारियों की तरह अब कर्मचारी भी होलीडे होम में अपने रिश्तेदारों को शामिल कर सकेंगे। टीएमएच की समस्याओं का समाधान कर आरओ कराया जाएगा। स्पोर्ट्स शुल्क में बढ़ोतरी की समीक्षा कर वापस लेने की प्रक्रिया जारी है। बैठक में यूनिफार्म वेज रिवीजन समझौते की प्रति, 2015 से अबतक के सभी समझौते की प्रतियां सार्वजनिक करने, स्पोर्ट्स शुल्क बढ़ोतरी को रद्द करने और हर 15 दिन में ऑफिस बेयरर्स मीटिंग कराने की मांग की गई। कोषाध्यक्ष आमोद दुबे द्वारा अकाउंट्स को अपडेट रखने और कैंटीन कमेटी के नीतेश राज को सराहना मिली। हालांकि, कई कमेटी मेंबरों ने कर्मचारी पुत्रों को नौकरी में मौका नहीं मिलने और विभागीय समस्याओं के समाधान में यूनियन की सुस्ती का मुद्दा भी उठाया।
कमेटी में उठे प्रमुख सवाल
वेज रिवीजन समझौता में देरी से भत्तों पर एरियर नहीं मिलने से कर्मचारियों को नुकसान।
यूनियन में अब तक समझौते की हस्ताक्षरयुक्त प्रति देने की परंपरा रही है, जो इस बार नहीं निभाई गई।
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