रेलवे में फर्जी नौकरी लगने के मामले में आरोप पत्र दायर
रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी के आरोपियों के खिलाफ सीनी रेल पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दायर किया है। अंशुमन और सुमित्रा को गिरफ्तार किया गया है। जांच में अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आए हैं।...
रेलवे में नौकरी के नाम ठगी के दो आरोपियों के खिलाफ सीनी रेल पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया। इसमें धनबाद से गिरफ्तार अंशुमन और रांची से गिरफ्तार सुमित्रा (जीजा-साली) को आरोपी बनाया गया है। जबकि कोलकाता, 24 परगना, नदिया और चेन्नई निवासी आरोपियों का नाम व पता सत्यापित नहीं होने से जांच जारी है। रेल पुलिस की जांच में कोलकाता के अरुण और शांतनु का नाम भी सामने आया था, लेकिन दोनों का मोबाइल नंबर और अवासीय पता फर्जी मिला। रेल पुलिस ने डेविड को बयान दर्ज करने के बाद छोड़ दिया लेकिन अंशुमन व सुमित्रा अभी जेल में हैं। मालूम हो कि दक्षिण पूर्व जोन की विजिलेंस टीम ने 16 अप्रैल को चक्रधरपुर मंडल के बीरबांस स्टेशन पर रेलवे में बुकिंग क्लर्क पद पर फर्जी नौकरी गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जहां से एक एजेंट डेविड समेत तीन पीड़ित युवक धीविन कुमार तमिलनाडु, रुपम शाह व शुभाशीष मंडल, पश्चिम बंगाल नदिया मिले थे। आरोपियों ने तीनों से 21 लाख रुपये लिए थे। विजिलेंस अधिकारी ने सभी को चांडिल रेल पुलिस के हवाले कर केस दर्ज कराया था। एजेंट डेविड से पूछताछ में रेल पुलिस को अन्य आरोपियों की जानकारी मिली। तीनों पीड़ितों का अदालत में बयान दर्ज कराया गया। इसके आधार पर दूसरे राज्य में छापेमारी की गई, लेकिन कोई जीआरपी के हाथ नहीं लगा। इधर, रेल पुलिस की जांच में जमशेदपुर के विभिन्न इलाकों से आधा दर्जन ऐसे युवक मिले, जो रेलवे में नौकरी के झांसे में फंसकर लाखों रुपये गंवा चुके हैं। युवाओं से पुलिस को पता चला कि बीरबांस के पूर्व गम्हरिया स्टेशन पर उन्हें टिकट बुक करने की ट्रेनिंग दी गई थी।
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