चार मौतों के बाद एमजीएम के जर्जर भवन 5.5 करोड़ से होंगे होंगे दुरुस्त
एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन विभाग की छत गिरने के बाद, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के जर्जर भवनों की मरम्मत का काम शुरू किया गया है। राज्य ने प्रशासनिक भवन और छात्रावास की मरम्मत के लिए तीन करोड़ रुपये के खर्च...

एमजीएम अस्पताल साकची के मेडिसिन विभाग की छत गिरने की घटना के बाद अब एमजीएम मेडिकल कॉलेज के जर्जर भवनों की मरम्मत की कवायद शुरू हो गई है। राज्य मुख्यालय ने कॉलेज के प्रशासनिक भवन और छात्रावास को दुरुस्त कराने का आदेश दिया है, ताकि भविष्य में दीवार या छत गिरने जैसी घटनाएं न हों। जानकारी के अनुसार, प्रशासनिक भवन और छात्रावास के जीर्णोद्धार में करीब तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे। छह महीने की समयसीमा में इन भवनों की मरम्मत के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। साकची स्थित जूनियर डॉक्टरों के छात्रावास की भी मरम्मत के लिए सर्वे कराया गया है।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से अस्पताल के पुराने भवनों से मरीजों को जल्द डिमना के नए अस्पताल में शिफ्ट करने की प्रक्रिया जारी है। जर्जर भवनों को खाली कराने की प्रक्रिया जारी है, ताकि फिर कोई बड़ा हादसा न हो। 3 मई को छत गिरने से गई थी तीन मरीजों की जान एमजीएम अस्पताल के मेडिसिन विभाग की छत 3 मई को ढह गई थी, जिसमें मलबे में दबकर तीन मरीजों की मौत हो गई थी। वहीं, कुछ दिन बाद एक जख्मी महिला की भी मौत हो गई थी। इसके बाद 4 मई और 8 मई को भी भवन के छज्जे गिरने की घटनाएं हुईं। इससे मरीजों और उनके परिजनों में दहशत है, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को मेडिसिन वार्ड में ही रहना पड़ रहा है। पहले भी गिर चुके हैं इमरजेंसी और सर्जरी भवन के छज्जे अस्पताल के इमरजेंसी और सर्जरी भवन में पहले भी छज्जे गिर चुके हैं। एक बार तो इमरजेंसी भवन में डॉक्टर के कंधे पर प्लास्टर का हिस्सा गिर गया था, हालांकि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। भवन गिरने और मरीजों की मौत के बाद एमजीएम अस्पताल अधीक्षक के खिलाफ साकची थाने में केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही विभागीय जांच भी चल रही है।
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