देवघर के एक घर में फर्नीचर बनाने के एवज में कारपेंटर को मिला था रुपया
दुमका, प्रतिनिधि।इन दिनों शहर में झपट्टामार गिरोह पूरी तरह से सक्रिय हैं। लगातार घटना को अंजाम देकर अपराधी आसानी से फरार हो जा रहे हैं। अपराधियों का
दुमका, प्रतिनिधि। इन दिनों शहर में झपट्टामार गिरोह पूरी तरह से सक्रिय हैं। लगातार घटना को अंजाम देकर अपराधी आसानी से फरार हो जा रहे हैं। अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ा है कि भीड़-भाड़ इलाके वाले क्षेत्र में भी किसी को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे हैं। बेखौप घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी फरार हो जा रहे हैं। गुरुवार को दुमका शहर के गांधी मैदान चौक के पास जिस जगह अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है वहां भी मोड़ होने के वजह से हमेशा जाम व भीड़ की स्थिति बनी रहती है। इस बार अपराधियों ने एसबीआई बैंक के मुख्य शाखा से तीन लाख रुपया निकाल कर घर जा रहे कारपेंटर को निशाना बनाया है। रसिकपुर ग्वाला पाड़ा निवासी कारपेंटर (बढ़ई मिस्त्री) तपेश शर्मा के मुताबिक उसने देवघर में एक मकान में फर्नीचर का सारा सामान तैयार करने का काम लिया था। इसी को पूरा करने के लिए मकान मालिक ने उसके अकांउट में ऑनलाइन तीन लाख रुपया भेजा था। जिसको निकाले के लिए वह एसबीआई बैंक के मुख्य शाखा गया था।
बैंक से होटल तक सीसीटीवी फुटेज में साथ नजर आए अपराधी...
घटना के बाद जब पुलिस ने गांधी चौक के समीप स्थित सागर होटल से लेकर बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला तो अपराधी को बैंक से लेकर घटना को अंजाम देने तक रेकी करते पाया। पुलिस का दावा है कि दोनों अपराधी की पहचान कर ली गई है। पुलिस जल्द ही दोनों अपराधी गिरफ्तार करने में सफल रहेगी। तपेश शर्मा मुताबिक बैंक से रुपया लेकर निकलने के बाद टेम्पों से अपने साथी के साथ वह घर जाने लगा। इस बीच सभी को खाना खाने की इच्छा हुई। पहले सभी गिलानपाड़ा के एक होटल में गए, पर वहां पर खाना नहीं मिला तो तीनों वापस लौटकर गांधी मैदान चौक स्थित सागर होटल पहुंचे। खाना खाने के क्रम में भी अपराधी बगल के टेबल पर खाना खा रहे थे। जैसे ही खाना खाकर निकले और टेम्पो पर बैठने लगे अपराधी ने अपना काम किया और मौके से फरार हो गए। अब पुलिस अपराधी की खेज में जुटी है। पुलिस बारिकी से मामले की जांच कर रही है।
फर्नीचर बनाने का काम करता है तपेश शर्मा...
रसिकपुर ग्वाला पाड़ा निवासी तपेश शर्मा ने बताया कि वह फर्नीचर बनाने का काम किया करता है। उसने देवघर में एक घर के फर्नीचर बनाने का काम लिया था। उक्त घर के चौखट-किवाड़, खिड़की सहित अन्य कई फर्नीचर के सामान बनाने थे। घर के मालिक ने ऑन लाइन 3 लाख रुपया बढ़ई मिस्त्री के अकाउंट में डाल दिया था। उक्त रुपए को वह बैंक से निकालकर लकड़ी सहित अन्य सामानों की खरीदारी करने वाला था। उसने बताया कि उक्त युवक बैंक से ही रेकी कर रहा था। उसने बताया कि जहां वह बैंक स्लिप भर रहा था, उसी जगह पर उक्त बदमाश खड़ा था। उसे यह पता नहीं था कि उसकी रेकी की जा रही है। बताया कि रुपए निकालने के लिए उसने अपने एक पड़ोसी को साथ में ले लिया था। दोनों जिस टेम्पू में सवार हुए थे, उक्त टेम्पू पड़ोस के एक रिश्तेदार की थी। तीनों एक दूसरे के परिचित थे।
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