42 Children Affected by Food Poisoning in Deoghar School After Midday Meal मोहनपुर: विषाक्त भोजन से 42 बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार, तीन की हालत गंभीर, Deogarh Hindi News - Hindustan
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मोहनपुर: विषाक्त भोजन से 42 बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार, तीन की हालत गंभीर

देवघर के मोहनपुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमुनियां में मध्याह्न भोजन के बाद 42 बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। गंभीर हालत में तीन बच्चों को पीकू वार्ड में भर्ती किया गया है, जबकि अन्य...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरFri, 16 May 2025 04:47 AM
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मोहनपुर: विषाक्त भोजन से 42 बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार, तीन की हालत गंभीर

देवघर, प्रतिनिधि जिले के मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय जमुनियां में मध्याह्न भोजन करने के बाद 42 बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। गुरुवार को हुई इस घटना के बाद विद्यालय में अफरा-तफरी मच गई। बच्चों की हालत बिगड़ती देख परिजन उन्हें तत्काल सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। फिलहाल तीन बच्चों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें पीकू वार्ड में भर्ती किया गया है, जबकि अन्य बच्चों की हालत सामान्य है और वे सभी सदर अस्पताल में इलाजरत हैं। अस्पताल में मचा हड़कंप, डॉक्टर ने संभाला मोर्चा: बच्चों की गंभीर हालत की सूचना मिलते ही सदर अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया।

अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. प्रभात रंजन स्वयं मौके पर पहुंचे और इलाज की निगरानी की। उन्होंने बताया कि तीन बच्चों की स्थिति चिंताजनक है, बाकी सभी बच्चों की हालत स्थिर है और उनका इलाज अलग-अलग वार्ड में किया जा रहा है। बच्चों में उल्टी, दस्त और बेहोशी जैसे लक्षण देखने को मिले हैं। मध्याह्न भोजन बना बीमारी की वजह: बीमार बच्चों ने बताया कि उन्होंने दोपहर के भोजन में चावल, दाल और परवल-आलू की सब्जी खाई थी। भोजन करने के कुछ देर बाद ही कई बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गया। कुछ बच्चे बेहोश होकर गिर पड़े। यह देख शिक्षकों ने स्थानीय अभिभावकों को सूचना दी। परिजनों के पहुंचते ही शिक्षक स्कूल से फरार हो गए। गंभीर रूप से बीमार बच्चों में लक्ष्मी कुमारी, रिया कुमारी और सुमित्रा कुमारी शामिल हैं। तीनों को पीकू वार्ड में भर्ती किया गया है, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। बाकी 39 बच्चों की स्थिति सामान्य है और वे जल्द स्वस्थ हो सकते हैं। फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित बच्चों की सूची: बीमार बच्चों में कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चे हैं। जिसमें कुंदन कुमार, करिश्मा कुमारी, निरंजन कुमार, आरती कुमारी, छोटी कुमारी, साधना कुमारी, शिवानी कुमारी, ललन कुमार, हरदम कुमार, अंशु कुमार, कंचन कुमारी, कीर्ति कुमारी, मनीष कुमार, बिंदु कुमारी, गायत्री सोरेन, निशा कुमारी, सलोनी सोरेन, गुलाबी सोरेन, मनीष यादव, रिया कुमारी, सुमित्रा कुमारी, बजरंगी राय, नेहा प्रिया, ऋषभ कुमार, प्रिया कुमारी, रोशनी कुमारी, खुशबू कुमारी, काजल कुमारी, अंजनी कुमारी, प्रीति कुमारी, शबनम कुमारी, नितेश कुमार, विकास कुमार, श्रवण कुमार, दशरथ कुमार, बबीता कुमारी, नंदनी कुमारी, डोली कुमारी, सुधीर कुमार आदि शामिल हैं। सभी बच्चे जमुनिया, नवापुर और आसपास के गांवों के निवासी हैं। शिक्षकों पर लापरवाही का आरोप: घटना के बाद बच्चों के अभिभावकों में आक्रोश देखा गया। परिजनों का आरोप है कि बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक मौके से फरार हो गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। प्रशासन से इन पर कार्रवाई की मांग की जा रही है। क्या कहते हैं बीईओ : इस मामले में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी संत मर्सी टुडू ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। क्या कहते हैं वीपीओ : प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज मंडल ने कहा कि 143 बच्चों ने भोजन किया था, जिसमें कुछ ही बीमार हुए हैं। उन्होंने संभावना जताई कि बच्चों को आपसी रंजिश के तहत भी शिकार बनाया जा सकता है, क्योंकि विद्यालय प्रबंधन समिति में विवाद चल रहा है। क्या कहते हैं डीईओ : जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) विनोद कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिलते ही उन्होंने विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं अन्य अधिकारियों से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि अधिकांश बच्चे ठीक हैं और बच्चों की बीमारी का कारण गर्मी हो सकता है। उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। फिर भी मामले की जांच कराया जाएगा । क्या कहते हैं डीएस : इस मामले में डीएस डॉ. प्रभात रंजन ने बताया कि 42 बच्चे सदर अस्पताल में भर्ती किया गया है। तीन बच्चे की स्थिति थोड़ा गंभीर है। बांकी सभी की स्थिति सामान्य है। फिर भी सभी का इलाज जारी है। सदर अस्पताल हर मुश्किलों से सामना करने के हमेशा तैयार रहती है। सभी व्यवस्थाएं प्रयाप्त हैं। सभी बच्चों का देख रेख डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है। क्या कहते हैं डॉक्टर : डॉक्टर अम्ब्रीस ठाकुर ने बताया कि कुछ ही बच्चों द्वारा उल्टी दस्त करने की जानकारी दी । लेकिन सभी ने उल्टी होने का संभावना के बारे में बताया । सभी का बेहतर इलाज कर भर्ती किया गया है। इस मामले में विद्यालय प्रधाना ध्यापक प्रशांत कुमार से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होने फोन नहीं उठाया ।

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