जमीन अधिग्रहण का पेंच में फंसा मानपुर रेलवे ओवर ब्रीज
जमीन अधिग्रहण का पेंच में फंसा मानपुर रेलवे ओवर ब्रीजजमीन अधिग्रहण का पेंच में फंसा मानपुर रेलवे ओवर ब्रीजजमीन अधिग्रहण का पेंच में फंसा मानपुर रेलवे

एन एच 218 में लगभग 33 करोड़ की लागत से बननेवाला मानपुर रेलवे ओभर ब्रीज निर्माण कार्य जमीन अधिग्रहण के पेंच में फंसा हुआ है । रैयत जहां आज के दर से जमीन का मूल्य मांग कर रहे हैं वहीं सरकार,विभाग पिछले समय की दर से भुगतान करने का दबाब बना रही है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी बोकारो ने सीओ चंदनकियारी को पत्र भेजा गया है जिसमें सीतानाला,कुलसाड़ा एवं बनसाड़ा राजस्व गांव के प्रभावित रैयतों का एलपीसी एवं वंशावली प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल धनबाद के परियोजना मानपुर रेलवे उपरी पुल निर्माण के लिए बोकारो जिले के चंदनकियारी अंचल के अधिन सीतानाला,कुलसाड़ा और बनसाड़ा के प्रभावित रैयतों को मुआवजा राशि भुगतान के लिए एलपीसी एवं वंशावली प्रतिवेदन के अभाव में लंबित है।
प्रभावित रैयतों को चिन्हित करते हुए जमाबंदी प्रमाण पत्र,दखल कब्जा एवं वंशावली प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वनसाड़ा मौजा में चार एकड़ 94 डीसमील,कुलसाड़ा मौजा में एक एकड़ 07 डीसमील और सीतानाला में एक एकड़ 89 डीसमील जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। लगभग 980 मीटर रेलवे ओभर ब्रीज जेएम इंटरप्राइजेज को बनाने का आदेश मिला है 33 करोड़ की लागत से ओभरब्रीज बननेवाला है। रैयत सीतानाला निवासी साधन माहथा समेत अन्य लगभग पचास से अधिक रैयतों ने मुख्यमंत्री,मुख्य सचिव,डीसी बोकारो,भू अर्जन बोकारो समेत अन्य अधिकारी को साक्ष्य के साथ पत्र लिखकर वर्तमान भौतिक स्थिति का अवलोकन करते हुए मूल्यांकन कर जमीन का मुआवजा देने की मांग की है। रैयतों ने आवेदन में बताया है कि जब मुझे मकान होने से नोटिस दिया जा रहा है और जिसमें पिछले कई वर्षों से उन सभी रैयतों का व्यवसाय चल रहा है परंतु नोटिस में सभी को कृषि भूमि दिखलाकर उसी दर पर भुगतान करने की प्रक्रिया प्रारंभ किया गया था जिस पर रैयत काफी नाराज व आक्रोशित हैं उनका मांग है कि वर्तमान स्थिति के अनुसार भुगतान हो। अंचल कार्यालय से शिविर आयोजित कर समझाने,बुझाने का प्रयास किया गया जो विफल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 45 मीटर चौड़ी रोड बनाने का है जिसमें अभी 20 से 22 मीटर रोड है। सरकारी दर 11 हजार दौ सौ का चार गुणा 44 हजार 800 की दर से भुगतान देने के लिए एजेंसी कार्यालय तैयार है जबकि रैयत साक्ष्य के अनुसार वर्तमान बाजार मूल्य एक लाख की दर से भुगतान की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में सहायक अभियंता आर के राठोर ने बताया कि रैयतों को सरकार का नियम कानून का अनुपालन करना चाहिए और विकास में सहयोग करना चाहिए। लगभग 14 करोड़ रूपये इस योजना के लिए रैयतों को भुगातान के लिए एजेंसी प्राप्त है।
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