दामोदर व ईजरी नदी से रोज 5 सौ से अधिक ट्रैक्टर बालू का हो रहा अवैध उठाव
चास में दामोदर और ईजरी नदी से प्रतिदिन 500 से अधिक ट्रैक्टरों द्वारा अवैध रूप से बालू का उठाव किया जा रहा है। स्थानीय पुलिस और खनन विभाग की मिलीभगत से बालू कारोबारी बिल्डरों को ऊंचे दामों पर बालू...

चास। दामोदर व ईजरी नदी से रोज 5 सौ से अधिक ट्रैक्टर बालू का अवैध उठाव जारी है। बालू कारोबारी नदी से सटे विभिन्न ग्रामीण रास्ते के सहारे बालू लदे ट्रैक्टरों को यहां से ऊंचे दामों पर शहर के बिल्डरों को सप्लाई दे रहे हैं। ऐसे कार्यो में बालू कारोबारियों को स्थानीय पुलिस, खनन विभाग के पदाधिकारी व कर्मियों की मिलीभगत व संरक्षण से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक सरकार की ओर से बालू घाट का लीज नहीं हुआ है,बावजूद इसके रात के अंधेरे से लेकर दिन के उजाले में दामोदर, इजरी नदी से बालू का उठाव जारी है।
प्रतिदिन अहले सुबह 4 बजे जोधाडीह, धर्मशाला मोड़ में बालू लदे ट्रैक्टरों को चौक चोराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरा में देखा जा सकता है। पूर्व में जोधाडीह मोड़ चौक में बालू लदे वाहनों से स्थानीय पुलिस की ओर से वसूली लेने का मामला प्रकाश में आया था। धड़ल्ले से चल रहा है बालू उठाव का धंधा तेलमोच्चो पुल से सटे विभिन्न जगह व बांधगोड़ा-नारायणपुर में कई जगह बालू का बालू कारोबारियों की ओर से बालू का डंपिंग है। यहां से बालू को ट्रक, हाइवा के माध्यम से ऊंचे दामों पर बाहर भेजा जाता है। मामलें को लेकर प्रखंड के जन प्रतिनिधियों ने आक्रोश जताया है। इस बाबत प्रखंड के उप प्रमुख मोहन कुमार चक्रवर्ती ने बताया कि कई बार जिला प्रशासन को शिकायत करते हुए इस ओर जांच की मांग किया। लेकिन एक साल से अधिक समय बित जाने के बाद भी इसमें प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नही किया जा सका है। हालांकि समय-समय पर सरकार को दिगभ्रमित करने को लेकर खनन विभाग की ओर से सेटिंग छापेमारी किया जाता है। 5 सौ से अधिक आवास पड़ा अधूरा: अवैध रूप से बालू कारोबारियों की ओर से बालू बाहर बेचे जाने को लेकर शहरवासियों को महंगे दामों पर बालू खरीदना पड़ रहा है। जिसमें लोगों को मनमर्जी रेट पर बालू मिलता है। कभी 35 सौ रूपया तो अभी 45 सौ रूपया प्रति ट्रैक्टर बालू मिल रहा है। बालू महंगे होने से पंचायत और ग्राम स्तर पर प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य विभिन्न योजनाएं के निर्माण कार्य भी प्रभावित होने लगे हैं। पंचायत प्रतिनिधियों की माने तो महंगे दाम पर बालू खरीदकर निर्माण करने से बजट गड़बड़ाने लगा है। जिस कारण प्रखंड के विभिन्न पंचायत गांव में 5 सौ से अधिक आवास अधूरे पड़े है। वर्जन: इस ओर नियमित जांच किया जा रहा है। खनन विभाग की ओर से भी नियमित छापेमारी किया जाता है। --------दिवाकर दुबे, अंचलाधिकारी, चास
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