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हिजाब कानून पर रोक, अब व्हाट्सएप, गूगल से हटाया बैन; ढीले क्यों पड़ने लगे ईरान के तेवर

  • ईरान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़े पैमाने पर किया गया था, जिसके बाद सरकार ने इन पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए थे।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, तेहरानTue, 24 Dec 2024 10:46 PM
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ईरान ने अपने सख्त इंटरनेट प्रतिबंधों में ढील देते हुए Meta के मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp और Google Play पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। यह कदम इंटरनेट पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों को कम करने की दिशा में पहला प्रयास माना जा रहा है। ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, यह निर्णय राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान लिया गया।

ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी IRNA ने बताया, "WhatsApp और Google Play जैसे लोकप्रिय विदेशी प्लेटफॉर्म पर लगी पाबंदियों को हटाने के लिए सकारात्मक बहुमत से वोट प्राप्त हुआ है।" ईरान के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्री सत्तार हाशमी ने इसे इंटरनेट प्रतिबंध हटाने की दिशा में पहला कदम बताया।

ईरान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़े पैमाने पर किया गया था, जिसके बाद सरकार ने इन पर सख्त प्रतिबंध लगा दिए थे। हालांकि, तकनीकी रूप से सक्षम ईरानी लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल कर Facebook, X (Twitter) और YouTube जैसे प्लेटफॉर्म तक पहुंच बना लेते हैं।

सितंबर में, अमेरिका ने Big Tech कंपनियों से अपील की थी कि वे उन देशों में ऑनलाइन सेंसरशिप को खत्म करने में मदद करें, जहां इंटरनेट पर भारी प्रतिबंध लगाए गए हैं।

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हिजाब कानून पर रोक

इस बीच, ईरान की संसद ने महिलाओं के हिजाब कानून को लागू करने की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी है। पिछले साल सितंबर में संसद द्वारा पारित इस कानून में उन महिलाओं के लिए कठोर दंड का प्रावधान था जो हिजाब पहनने से इनकार करती हैं, साथ ही उन व्यवसायों पर भी जुर्माना लगाया जाना था जो ऐसी महिलाओं को सेवा प्रदान करते हैं।

एपी की रिपोर्ट के अनुसार, शाहराम दबीरी, जो संसदीय मामलों के उपाध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा, "संसद में हुई चर्चाओं के अनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि इस कानून को फिलहाल सरकार को नहीं भेजा जाएगा।"

यदि यह कानून सरकार के पास भेजा जाता, तो राष्ट्रपति पेजेश्कियन को इसे पांच दिनों के भीतर स्वीकृति देनी पड़ती। 15 दिनों के भीतर यह कानून प्रभावी हो जाता। हालांकि, राष्ट्रपति के पास इसे वीटो करने का अधिकार नहीं है।

विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रपति पेजेश्कियन, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को इस कानून को रोकने के लिए राजी करने की कोशिश कर सकते हैं। खामेनेई 85 वर्ष के हैं और राज्य के सभी मामलों में अंतिम निर्णय लेते हैं।

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