इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार त्ज़ाची हानेगबी ने स्वीकार किया कि केवल सैन्य बल से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करना असंभव है। उनका कहना है कि लक्ष्य ईरान को यह समझाना है कि उसे अपना परमाणु कार्यक्रम रोकना होगा।
इजरायली सेना ने कहा, 'इनका खात्मा ईरानी शासन की सामूहिक विनाश के हथियार हासिल करने की क्षमता के लिए बड़ा झटका है।' सेना ने बताया कि ये हमले खुफिया निदेशालय की ओर से एकत्रित सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर किए गए।
ईरान और इजरायल के बीच हालात बेहद खराब हैं। ईरान ने इजरायल पर अपने क्षेत्र में हमला करने का आरोप लगाया है। साथ ही इजरायल से बातचीत के सवाल पर मुस्लिम देश ने करारा जवाब दिया है।
ईरान ने इन हमलों के जवाब में इजरायल पर 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और ड्रोन हमले किए, जिससे तेल अवीव, यरुशलम और वेस्ट बैंक जैसे शहरों में अलर्ट जारी हुआ।
इजरायल और ईरान के बीच यह ताजा संघर्ष मध्य पूर्व में एक बड़े युद्ध की आशंका को बढ़ा रहा है। ईरान की नई कमान और उसकी जवाबी रणनीति पर दुनिया की नजरें टिकी हैं।
इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य परिसरों पर हमला करने के लिए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ शुरू किया, जिसमें प्रमुख सैन्य कमांडर और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। इजरायली सेना ने एक हमले का वीडियो भी जारी किया है।
पूर्व विदेश सचिव शशांक ने चेतावनी दी है कि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष से क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है, जिसका प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। भारत ईरान से तेल आयात करता है, और युद्ध की स्थिति...
डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया कि इजरायल के हमले में अमेरिका का कोई हाथ नहीं है, लेकिन दूसरी तरफ लगे हाथों यह भी कह दिया कि यदि ईरान ने इजरायल पर हमले का प्रयास किया तो जवाब दिया जाएगा। अमेरिका ने साफ कहा कि ईरान की ओर से किसी हमले के जवाब में अमेरिका चुप नहीं बैठेगा और इजरायल को डिफेंस करेगा।
ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने इजरायल को धमकी देते हुए कहा कि उसे ईरानी ठिकानों पर हमला करने के लिए कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने कहा, 'इजरायल ने अपने लिए एक भयावह नियति तैयार कर ली है, जो उसे निश्चित रूप से मिलेगी।'
इजरायल ने ईरान की राजधानी पर हमला कर दिया और देश के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया जिसके बाद पश्चिम एशिया के दो कट्टर विरोधियों के बीच एक व्यापक युद्ध की आशंका तेज हो गई है।