समलैंगिक शादी को इन देशों में मान्यता, भारत में इस पर SC में अभी चल रही बहस
34 देशों में से 23 ने समलैंगिक विवाह को कानून बनाकर वैध करार दिया है, जबकि 10 देशों ने कोर्ट के आदेश से उसे वैध माना है। दक्षिण अफ्रीका और ताइवान ने इसे कोर्ट के आदेश से वैध करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ ने आज (मंगलवार, 18 अप्रैल) समलैंगिक शादियों को मान्यता देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। इस मामले में कम से कम 15 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में आई थीं, जिन्हें पिछले महीने 13 मार्च को मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने इस पर आधिकारिक निर्णय लेने के लिए बड़ी बेंच को भेज दिया था। CJI ने तब इसे ''बुनियादी महत्व''का मुद्दा कहा था।
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं ''शहरी संभ्रांतवादी'' विचारों को प्रतिबिंबित करती हैं और विवाह को मान्यता देना अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, जिस पर अदालतों को फैसला करने से बचना चाहिए।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एस. के कौल, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसे मामलों पर विचार करने के लिए संसद ही उपयुक्त फोरम है, सुप्रीम कोर्ट को इससे बचना चाहिए।
तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले की सुनवाई और फैसला देश पर व्यापक प्रभाव डालेगा, क्योंकि आम नागरिक और राजनीतिक दल इस विषय पर अलग-अलग विचार रखते हैं। बता दें कि दो समलैंगिक जोड़ों ने विवाह करने के उनके अधिकार के क्रियान्वयन और विशेष विवाह कानून के तहत उनके विवाह के पंजीकरण के लिए संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं, जिन पर न्यायालय ने पिछले साल 25 नवंबर को केंद्र से अपना जवाब देने को कहा था।
इस बीच, अगर समलैंगिक शादी को भारत में भी कानूनी मान्यता दी जाती है, तो यह निर्णय भारत को उन देशों की सूची में डाल देगा जहां ऐसे विवाह पहले से ही वैध हैं। ऐसे देश इस प्रकार हैं:
1. क्यूबा
2. एंडोरा
3. स्लोवेनिया
4. चिली
5. स्विटरलैंड
6. कोस्टा रिका
7. ऑस्ट्रिया
8. ताइवान
9. इक्वेडोर
10. बेल्जियम
11. ब्रिटेन
12. डेनमार्क
13. फिनलैंड
14. फ्रांस
15. जर्मनी
16. आइसलैंड
17. आयरलैंड
18. लक्समबर्ग
19. माल्टा
20. नॉर्वे
21. पुर्तगाल
22. स्पेन
23. स्वीडन
24. मेक्सिको
25. दक्षिण अफ्रीका
26. संयुक्त राज्य अमेरिका
27. कोलंबिया
28. ब्राज़ील
29. अर्जेंटीना
30. कनाडा
31. नीदरलैंड
32. न्यूज़ीलैंड
33. पुर्तगाल
34. उरुग्वे
इन 34 देशों में से 23 ने समलैंगिक विवाह को कानून बनाकर वैध करार दिया है, जबकि 10 देशों ने कोर्ट के आदेश से उसे वैध माना है। दक्षिण अफ्रीका और ताइवान ने इसे कोर्ट के आदेश से वैध करार दिया है। वर्ष 2001 में नीदरलैंड समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला देश था, जबकि ताइवान ऐसा करने वाला पहला एशियाई राष्ट्र बन चुका है।
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