रूस में समलैंगिक संबंधों पर रोक है और इसे गैरकानूनी माना जाता है। यही नहीं अब देश के उच्चतम न्यायालय ने इस पर अहम फैसला सुनाते हुए इंटरनेशनल LGBTQ मूवमेंट को प्रतिबंधित भी कर दिया है।
यूके में एक लेस्बियन कपल ने बच्चे को जन्म दिया है। इन्वोसेल प्रक्रिया के तहत बच्चे का जन्म करवाया गया। एक महिला के शरीर में बने एंब्रॉय को दूसरे के गर्भ में शिफ्ट किया गया था।
समलैंगिक शादियों को मान्यता देने की मांग वाली अर्जी दाखिल करने वाले याचियों अनन्य कोटिया और उत्कर्ष सक्सेना ने सगाई कर ली है। दोनों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में ही एक-दूसरे को अंगूठी पहनाकर सगाई की।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने समलैंगिक विवाह पर कहा कि हम ना तो कानून बना सकते हैं और ना ही हम सरकार पर इसके लिए दबाव डाल सकते हैं। यह संसद का ही अधिकार है कि वह कानून बनाए।
Same Sex Marriage in India: भारत के मु्ख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस हिमा कोहली, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल बेंच में रहे।
समलैंगिक विवाह को मान्यता की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में दिलचस्प बहस जारी है। अदालत में मंगलवार को बहस के दौरान वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि इससे बच्चे तो होंगे नहीं। सभ्यता पर ही संकट आ जाएगा।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह समलैंगिक संबंधों में रहने वाले लोगों की समस्याओं पर एक कमिटी बनाएगी। यह समिति उनकी समस्याओं पर विचार करेगी और कुछ सुविधाओं के बारे में सोचा जाएगा।
समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जब केंद्र के वकील ने अमेरिका के गर्भपात वाले फैसला का जिक्र किया तो सीजेआई ने कहा, हम उनसे बहुत आगे हैं।
समलैंगिक शादियों को मान्यता देने को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में नया सवाल उठाया है। सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि आखिर गे मैरिज में किसे पत्नी का अधिकार मिलेगा और किसे पति मानेंगे।
कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि समलैंगिक विवाह जैसे संवेदनशील और लोगों से जुड़े मुद्दे पर अगर पांच बुद्धिमान लोग अपने हिसाब से फैसला सुना देते हैं तो यह ठीक नहीं है। इसका फैसला लोग करेंगे।
समलैंगिक शादियों की मान्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दिलचस्प बहस चल रही है। सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट से सवाल उठाया है कि क्या वह सुपर संसद बनकर 160 कानूनों में संशोधन करना चाहती है।
समलैंगिक शादी को मान्यता देने की मांग वाली अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई जारी है। केंद्र ने अदालत में कहा कि शादी करने के अधिकार का यह अर्थ नहीं है कि संसद को मजबूर किया जाए।
समलैंगिक शादियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिकार्ताओं की दलील पर बहस जारी है। केंद्र सरकार ने कहा कि इस मुद्दे की जटिलता को देखते हुए इसे संसद पर छोड़ देना चाहिए।
केंद्र सरकार के बाद बार काउंसिल ने भी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने का विरोध किया है। बार काउंसिल ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा है कि इसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
समलैंगिक शादियों को मान्यता देने के मामले में सुनवाई के दौरान गुरुवार को रोचक बहस हुई। इस बीच चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने ड्राइवर का जिक्र किया और कहा कि उसकी एक ही बेटी है।
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह की मान्यता की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमारे पुराने ग्रंथों और कलाकृतियों को देखने पर पता चलता है कि पहले की सोच आगे थी
समलैंगिक शादियों को मंजूरी देने के मामले में राज्य सरकारों की भी सलाह लेनी चाहिए। तब तक के लिए मामले की सुनवाई स्थगित की जाए। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में यह बात कही।
34 देशों में से 23 ने समलैंगिक विवाह को कानून बनाकर वैध करार दिया है, जबकि 10 देशों ने कोर्ट के आदेश से उसे वैध माना है। दक्षिण अफ्रीका और ताइवान ने इसे कोर्ट के आदेश से वैध करार दिया है।
समलैंगिक शादियों को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में दिलचस्प सुनवाई हुई। सरकार ने कहा कि इस पर सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई नहीं करनी चाहिए। वहीं चीफ जस्टिस ने इस पर ऐतराज जताया।
समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सरकार ने अदालत को नसीहत देते हुए कहा कि वह इस मामले से दूर ही रहे। समलैंगिक विवाह जैसी भारत की परंपरा नहीं है और यह एक छोटे एलीट वर्ग की सोच है।
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ सुनवाई करेगी।
समलैंगिक विवाह पर आज यानी 6 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीए एस नरसिम्हा की दो सदस्यीय पीठ इस मामले में केंद्र से जवाब मांग चुकी है।
सुशील मोदी ने कहा, भारत देश में समलैंगिक विवाह की न कोई मान्यता है और न ही स्वीकार किया जाता है। अगर ऐसा किया जाता है तो यह पूर्ण विनाश का कारण होगा।
अपने सपनों का घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन ब्रिटेन के इस व्यक्ति का सपना एक दंपति ने ये कहकर तोड़ दिया कि वे अपना घर किसी समलैंगिक को नहीं बेच सकते। दरअसल एक गे पुरुष और उसके साथी ने...
हैदराबाद में एक समलैंगिक जोड़े सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग ने शादी रचा ली है। सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग ने अपने लगभग एक दशक लंबे रिश्ते को शादी में बदल दिया है। शादी करने के बाद सुप्रियो...