भारत के हमले में हमारे 11 सैनिक मारे गए, अभी भी सच्चाई छिपा रही पाकिस्तान सेना?
भारत ने साफ कहा है कि अगर पाकिस्तान कोई और उकसावे की कार्रवाई करता है, तो और सख्त जवाब देगा। भारतीय सेना ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है और जरूरत पड़ने पर और कार्रवाई की जाएगी।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने पहली बार अपने सैनिकों के मारे जाने की बात कबूली है। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि भारत के हमले में उसके 11 सैनिक मारे गए। इसके अलावा, पाक सेना ने बताया कि 40 'नागरिकों' की भी मौत हुई है। हालांकि पाकिस्तान के इतिहास को देखते हुए इन आंकड़ों पर संदेह जताया जा रहा है। दरअसल इससे पहले भारतीय सेना ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में 30 से 40 पाकिस्तान सैनिकों और 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मारने की बात कही थी। पाकिस्तान ने आतंकियों को आम नागरिक के तौर पर पेश किया है और उनके जनाजे में कई आर्मी अफसर भी शामिल हुए थे।
पाकिस्तान की सरकारी मीडिया संस्था PTV के अनुसार, "भारत के हमले में पाकिस्तान की रक्षा करते हुए कम से कम 11 सैनिक शहीद हो गए और 78 अन्य घायल हुए हैं। इन हमलों में 40 नागरिकों की भी मौत हो गई, जिनमें 7 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं, जबकि 121 नागरिक घायल बताए जा रहे हैं।" PTV द्वारा जारी बयान में कहा गया कि पाकिस्तान सेना के मारे गए सैनिकों में नायक अब्दुल रहमान, लांस नायक दिलावर खान, लांस नायक इकरामुल्लाह, नायक वकार खालिद, सिपाही मोहम्मद आदिल अकबर और सिपाही निसार शामिल हैं।
वहीं, पाकिस्तान वायुसेना से जो जवान मारे गए, उनमें स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ, चीफ टेक्नीशियन औरंगजेब, सीनियर टेक्नीशियन नजीब, कॉर्पोरल टेक्नीशियन फारूक और सीनियर टेक्नीशियन मुबाशिर शामिल हैं। बयान में आगे कहा गया, "हमारे शहीदों की यह महान कुर्बानी साहस, समर्पण और अटूट देशभक्ति का प्रतीक है, जो हमेशा के लिए राष्ट्र की स्मृति में अंकित रहेगी।"
सटीक हमले, आतंकी ठिकानों पर फोकस
भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था, और इस दौरान नागरिकों को नुकसान न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया। भारतीय सेना ने 11 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑपरेशन में पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी कैंप तबाह किए गए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए, जिनमें कंधार हाईजैक और पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड जैसे यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक और मुदस्सिर अहमद शामिल थे।
भारतीय सेना ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों, जैसे रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहिमयार खान और सियालकोट के एयरबेस, पर सटीक हमले किए गए, जिससे उनकी सैन्य क्षमता को गंभीर नुकसान पहुंचा। डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) राजीव घई ने कहा कि इन हमलों में 35-40 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई और भारत का जवाब
पाकिस्तान ने 8-9 मई की रात को जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में 36 स्थानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की। भारत ने इनमें से अधिकांश हमलों को नाकाम कर दिया, और जवाबी कार्रवाई में लाहौर, कराची, सियालकोट और इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमले किए। भारतीय सेना ने बताया कि इन हमलों में पाकिस्तान के रडार सिस्टम, कमांड सेंटर्स और हथियार भंडारण को नष्ट किया गया।
पाकिस्तान ने भारत के सिरसा, जम्मू, पठानकोट, भटिंडा, नलिया और भुज के हवाई अड्डों को नुकसान पहुंचाने का दावा किया, जिसे भारत ने खारिज करते हुए सबूत पेश किए कि ये ठिकाने पूरी तरह सुरक्षित हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान ने नागरिक विमानों की आड़ में अंतरराष्ट्रीय हवाई नियमों का उल्लंघन किया।
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