Hindi Newsविदेश न्यूज़Hamas ready to release 34 hostages in first phase of exchange deal with Israel war

गाजा युद्ध में बड़ा मोड़; 34 इजरायली बंधकों को छोड़ने के लिए तैयार हमास, रखीं क्या शर्तें

  • हमास के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कुछ और जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि शुरुआती अदला-बदली में 34 बंधकों को छोड़ा जाएगा जिनमें गाजा में रखी गईं महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और बीमार बंदी शामिल हैं।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानMon, 6 Jan 2025 07:08 AM
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इजरायल और हमास के बीच जारी जंग में साल 2025 की शुरुआत में बड़ा मोड़ आता दिख रहा है। फिलिस्तीनी आतंकी समूह कैदी एक्सचेंज डील के पहले चरण में 34 इजरायली बंधकों को रिहा करने को तैयार है। एक सीनियर अधिकारी ने एएफपी को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, 'सौदे के तहत हमास ने इजरायल की ओर से पेश की गई सूची देखी है जिनमें से 34 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी है।' हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से कहा गया कि हमास ने अभी तक रिहा किए जाने वाले बंधकों की लिस्ट नहीं सौंपी है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के एक सीनियर अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कुछ और जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि शुरुआती अदला-बदली में 34 बंधकों को छोड़ा जाएगा जिनमें गाजा में रखी गईं महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और बीमार बंदी शामिल हैं। हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि हमास को यह तय करने के लिए समय चाहिए कि वे जीवित हैं या नहीं। समूह को जीवित बंधकों के साथ बातचीत करने और मृतकों की पहचान करने में एक हफ्ते का समय लगेगा। इसके लिए इलाके में शांति भरे माहौल की जरूरत होगी और इजरायली सेना को इसका ध्यान रखना होगा।

251 लोगों को हमास ने बनाया था बंधक

7 अक्टूबर, 2023 के हमले के दौरान हमास के लड़ाकों ने 251 लोगों को बंधक बना लिया था। इनमें से 96 को गाजा में रखा गया है। इजरायल की सेना का कहना है कि 34 बंधक पहले ही मारे जा चुके हैं। इस बीच, गाजा पट्टी में इजरायली सेना के पिछले 72 घंटों में किए गए 94 हवाई हमलों और गोलीबारी में 184 लोग मारे गए हैं। हमास की ओर से संचालित गाजा मीडिया कार्यालय ने यह जानकारी दी। निहत्थे नागरिकों और आवासीय क्षेत्रों विशेषकर गाजा शहर को निशाना बनाते हुए वृद्धि को खतरनाक और क्रूर बताया गया। बयान में कहा गया कि कई पीड़ित या तो मारे गए या घायल हुए, मलबे में फंसे रहे, क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के कारण उनकी अस्पतालों तक पहुंच में बाधा उत्पन्न हुई।

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