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फुस्स मिसाइलों से खिलौने तक झटके पर झटका, चीन में कई कंपनियों पर ताला; अब भारी विरोध-प्रदर्शन शुरू

पड़ोसी देश चीन को झटके पर झटका लग रहा है। पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर में मदद कर ड्रैगन पहले ही बदनाम हो चुका है, अब अमेरिकी टैरिफ की मार की वजह से वहां कंपनियों पर ताला लग रहा है और लोग सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगThu, 15 May 2025 03:18 PM
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फुस्स मिसाइलों से खिलौने तक झटके पर झटका, चीन में कई कंपनियों पर ताला; अब भारी विरोध-प्रदर्शन शुरू

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष में जहां पश्चिमी पड़ोसी यानी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है, वहीं दूसरे पूर्वी पड़ोसी यानी चीन की भी पोल पट्टी खुल गई है। चीन ने जो छोटी मिसाइलें पाकिस्तान को दी थीं, वो सारी की सारीं फुस्स हो गईं। दूसरी तरफ, चीन अमेरिकी टैरिफ से परेशान है। उच्च टैरिफ की वजह से चीनी खिलौनों की मांग अमेरिका में ठप पड़ गई है। इस कारण खिलौने बनाने वाली कई चीनी कंपनियों पर ताला जड़ गया है, जबकि कई कंपनियों ने छंटनी की है तो कुछ ने पैसे की तंगी की वजह से अपने कर्मचारियों का वेतन रोक दिया है। इसके खिलाफ चीन में अब भारी विरोध-प्रदर्शन शुरू हो चुका है।

हाल के सप्ताहों में चीन में कारखानों के बंद होने के विरोध में प्रदर्शनों की लहर सी देखी गई है। लाखों लोगों को रोजगार देने वाला चीनी खिलौना उद्योग एक भारी जोखिम के दौर से गुजर रहा है। ये प्रदर्शन, एक्सपोर्ट आधारित अर्थव्यवस्था के उस शुरुआती दर्द को दर्शा रहे हैं, जो अमेरिका द्वारा दिया गया है। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने हाल ही में जिनेवा में हुई हाई-प्रोफाइल अमेरिकी अधिकारियों संग बैठक की है और दोनों देशों ने 115 फीसदी तक टैरिफ में अस्थाई रूप से 90 दिनों तक कटौती करने पर सहमति दी है।

हाई टैरिफ की वजह से कीमतें बढ़ीं, मांग ठप

उच्च टैरिफ की वजह से जहां संयुक्त राज्य अमेरिका में कीमतें बढ़ गईं हैं और मंदी का खतरा बढ़ गया है वहीं चीन में मुद्रास्फीति का दबाव और तैयार माल की जमाबंदी बढ़ गई है, उसे बाजार नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से दोनों बड़ी आर्थिक महाशक्तियों ने टैरिफ दरों को घटाने के अस्थाई फैसले पर सहमति जताई है, ताकि आगे का रास्ता तलाशा जा सके। फाइनेंशियल टाइम्स ने मंगलवार को बताया कि अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और चीनी वित्त मंत्री लैन फोआन ने IMF की वार्षिक बैठक के दौरान वाशिंगटन में आईएमएफ मुख्यालय के तहखाने में गुप्त रूप से मुलाकात की है।

बर्खास्तगी के खिलाफ सड़कों पर लोग

दरअसल, यह बातचीत ऐसे समय में हुई, जब चीन में विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला तेज हो चुका है। दूसरी तरफ, अमेरिकी झटकों के बाद चीन में कारखानों को बंद करना पड़ रहा है। रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी कंपनियों में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारी वेतन नहीं मिलने और अन्यायपूर्ण बर्खास्तगी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं और विरोध प्रदर्शनकर रहे हैं।

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ऐसी ही एक कंपनी थी गुआंग्डोंग शेन्ज़ेन वेइलिक्सिंग टॉयज़ कंपनी, जो शेन्ज़ेन में स्थित खिलौना बनाने वाली कंपनी है। @YesterdayBigcat नामक एक एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) यूजर, जो अक्सर चीन के विरोध प्रदर्शनों के बारे में पोस्ट करता है, द्वारा साझा किए गए एक वीडियो के अनुसार, कंपनी ने यू.एस.-बाउंड ऑर्डर बंद होने के बाद 6 मई को अचानक कारखाने को बंद करने की घोषणा की है। उस फुटेज में एक नोटिस दिख रहा है जिसमें कहा गया है कि कंपनी कुछ समय से घाटे में चल रही है, फिर भी हम वेतन भुगतान, सामाजिक बीमा और अन्य कानूनी रूप से आवश्यक जिम्मेदारियों जैसे मुद्दों को हल करने की पूरी कोशिश करेंगे।

400 कर्मचारी कर रहे मुआवजे की मांग

उस विवरण के अनुसार, लगभग 400 कर्मचारी मुआवजे की मांग करने के लिए लगातार दो दिनों से वहां प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, चीन का आधिकारिक विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI), जो कि फैक्ट्री गतिविधि का एक प्रमुख संकेतक है, अप्रैल में 16 महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। माना जा रहा है कि चीन में आगे आने वाले समय में स्थितियां और गंभीर हो सकती है क्योंकि यहां की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण उद्योग बड़ा फैक्टर निभाता है जो अमेरिकी टैरिफ की वजह से डंवाडोल हो रहा है। विनिर्माण क्षेत्र में लाखों लोगों को नौकरी खोने का खतरा सता रहा है।

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