Hindi Newsविदेश न्यूज़Famous Universities offering love course to encourage marriage sex and childbirth in China

इन नामी यूनिवर्सिटीज में शुरू हुई 'प्यार की पाठशाला', शादी-विवाह, सेक्स और लव पर कई कोर्स

कई नामी-गिरामी चीनी विश्वविद्यालयों ने अपने यहां 'विवाह और प्रेम'(Marriage and Love), 'प्रेम का मनोविज्ञान' (The Psychology of Love), 'प्रेम का समाजशास्त्र'(The Sociology of Love) जैसे कोर्स शुरू किए हैं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगThu, 12 Dec 2024 05:22 PM
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पड़ोसी देश चीन में घटती जनसंख्या, बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और बढ़ती युवा बेरोजगारी दर ने वहां के नीति निर्माताओं को चिंतित कर दिया है। सरकार जनसंख्या बढ़ाने के तमाम इंतजाम कर रही हैं। इस बीच, चीन के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों के बीए एक सर्वे किया गया, जिसमें इन छात्रों ने रोमांटिक रिश्तों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। चाइना पॉपुलेशन न्यूज़ द्वारा किए गए इस सर्वे से पता चला है कि 57 प्रतिशत कॉलेज के छात्रों ने रोमांटिक रिश्तों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, जिसका मुख्य कारण पढ़ाई और रिश्तों के बीच संतुलन बनाने में आने वाली कठिनाइयों को बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोमांटिक रिश्तों पर व्यापक और वैज्ञानिक शिक्षा की कमी के कारण छात्रों का इससे जुड़ाव नहीं है।

इसी समस्या को देखते हुए वहां की कई नामी विश्वविद्यालयों ने अब लव अफेयर्स पर कई कोर्स शुरू किए हैं। इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि चीनी छात्र पढ़ाई के साथ-साथ रोमांस को तवज्जो दे सकेंगे और दोनों के बीच संतुलन स्थापित कर सकेंगे। चीन में घटती विवाह दर रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गया है। इसी के साथ जन्म दर भी काफी नीचे पहुंच गया है। साल 2023 में चीन की आबादी में 2.08 मिलियन की कमी आई है। यह लगातार दूसरा साल है जब चीन की आबादी में कमी आई है। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में चीन में सिर्फ़ 90.2 मिलियन बच्चे पैदा हुए, जो 2017 से आधे हैं। चीन की जनसंख्या 2023 में लगातार दूसरे वर्ष घटी है। अब वहां की जनसंख्या घटकर 1.4 अरब रह गई है।

इन्हीं समस्याओं के दूरगामी प्रभावों को कम करने के मकसद से वुहान यूनिवर्सिटी, जियामेन यूनिवर्सिटी और तियानजिन यूनिवर्सटी समेत कई नामी-गिरामी चीनी विश्वविद्यालयों ने अपने यहां 'विवाह और प्रेम'(Marriage and Love), 'प्रेम का मनोविज्ञान' (The Psychology of Love), 'प्रेम का समाजशास्त्र'(The Sociology of Love) जैसे कोर्स शुरू किए हैं। इन कोर्सेज को शुरू करने वाले विश्वविद्यालयों का तर्क है कि निम्न जन्म दर एक जटिल सामाजिक मुद्दा है जिसके लिए सरल और अपरिपक्व समाधान के बजाय व्यापक उपायों की आवश्यकता है।

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साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, यूनिवर्सिटीज की इन पहल का इंटरनेट पर व्यापक पैमाने पर आलोचना भी हो रही है। आलोचकों का कहना है कि सरकार को पहले बेरोजगारी की गंभीर समस्या पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि हरेक युवा के लिए शादी करने और बच्चे पैदा करने से पहले आर्थिक मजबूती और वित्तीय स्थिरता जरूरी है। उनके मुताबिक बिना नौकरी के प्रेमपाश में पड़ना, शादी और सेक्स करना और बच्चे पैदा करना एक तरह की सजा हो सकती है।

बता दें कि चीन में घटती जन्म दर के मुद्दे के समाधान के लिए, राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों ने विभिन्न प्रजननवादी नीतियां भी शुरू की हैं। इसमें नकद सब्सिडी प्रदान करना और एक से अधिक बच्चों वाले परिवारों के लिए आवास प्रोत्साहन की पेशकश भी शामिल है।

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