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क्या है चीन का 'आर्ट ऑफ वार', जिसके लिए जुटे 30 देशों के विद्वान; नए दौर के युद्ध में अहम

  • आर्ट ऑफ वार में शुन जू लिखते हैं,'प्रतिद्वंद्वी से मुकाबले में जाने से पहले ही एक प्रकार के मानसिक युद्ध की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में यदि कोई पक्ष मजबूत रणनीति बनाता है, प्रोपेगेंडा फैलाता है या कूटनीतिक दांवपेच से दूसरे पक्ष को दबाव में ले आता है तो उसके विजयी होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।'

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगThu, 12 Dec 2024 04:09 PM
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ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर वारफेयर और प्रोपेगेंडा वार समेत ऐसी कई चीजें हैं, जो नए दौर में शक्ल ले रही हैं। युद्ध के तरीके पूरी दुनिया में बदल गए हैं, जिसे कभी हाइब्रिड वारफेयर कहा जाता है तो कभी 5जी वारफेयर के रूप में संबोधित किया जाता है। खासतौर पर नई तकनीकों और इंटरनेट के युग में वारफेयर का रूप बदला है। ऐसे में चीन भी अपनी युद्ध रणनीति को लेकर मंथन में जुटा है। इसी मकसद से उसने बीते सप्ताह दुनिया के 30 देशों के 350 से ज्यादा विद्वानों को बुलाया। उसने एक सेमिनार का आयोजन किया था, जिसमें आर्ट ऑफ वार पर चर्चा की गई। आर्ट ऑफ वार चीन के महान सैन्य रणनीतिकार और दार्शनिक शुन जू की एक पुस्तक है।

इस पुस्तक में उन्होंने 13 अध्यायों में युद्ध और उसकी रणनीतियों एवं तैयारियों का जिक्र किया था। आर्ट ऑफ वार का जिक्र अकसर होता रहा है और युद्ध रणनीतियों के मामलों में यह दिलचस्प पुस्तक रही है। युद्ध की तैयारियों को लेकर शुन जू कहते हैं कि जंग की तैयारी इतनी अधिक होनी चाहिए कि युद्ध के मैदान में उतरना ही न पड़े। इसका अर्थ समझाते हुए वह लिखते हैं कि दुश्मन को कई मोर्चों पर इस तरह घेर लेना चाहिए कि वह जंग के मैदान में आने से पहले ही टूट जाए। आज के दौर में जिस हाइब्रिड वारफेयर की बात की जाती है, उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के तौर पर आर्ट ऑफ वार का जिक्र होता रहा है।

आर्ट ऑफ वार में शुन जू लिखते हैं,'प्रतिद्वंद्वी से मुकाबले में जाने से पहले ही एक प्रकार के मानसिक युद्ध की शुरुआत हो जाती है। ऐसे में यदि कोई पक्ष मजबूत रणनीति बनाता है, प्रोपेगेंडा अच्छा फैलाता है या फिर कूटनीतिक दांवपेच से दूसरे पक्ष को पहले ही दबाव में ले आता है तो उसके विजयी होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।' शुन जू की इसी पुस्तक और वर्तमान युद्ध की चुनौतियों को लेकर यह चीन ने यह सेमिनार आयोजित किया था। इसमें दुनिया के 30 देशों के विद्वान जुटे थे। इस सेमिनार में कई विद्वानों ने कहा कि शुन जू का दर्शन बताता है कि कैसे युद्ध को पहले ही रोका जा सकता है।

चीनी सेना के अधिकारियों ने भी लिया सेमिनार में हिस्सा

इस आयोजन में चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। जनरल यांग शुएजुन ने कार्यक्रम के उद्घाटन में कहा कि हम यहां मिलिट्री साइंस पर बात करने वाले हैं। कैसे दुनिया में युद्ध के तरीके बदले हैं और कैसे अलग-अलग सभ्यताएं जंग के मैदान में हैं। यह हमारे मंथन का विषय रहेंगे। बता दें कि चीन की सेना अपनी युद्ध रणनीतियों में शुन जू और उनकी पुस्तक आर्ट ऑफ वार का जिक्र करते रहे हैं। चीनी जनरल ने कहा कि आज की दुनिया आपस में बहुत जुड़ गई है। जटिलताएं बढ़ गई हैं। एक दूसरे पर दबाव और प्रतिस्पर्धा का माहौल हर वक्त रहता है। ऐसी स्थिति में आर्ट ऑफ वार की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है।

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