Hindi Newsविदेश न्यूज़Why China letting currency yuan fall Xi Jinping new mantra to counter Trump tariff amid battles to revive economy

एक्सप्लेनर: आर्थिक संकट झेल रहा चीन अपनी ही करंसी में क्यों चाह रहा गिरावट? US से मुकाबले की कैसी चाल

चीन पहले से ही आर्थिक मंदी झेल रहा है। बावजूद इसके वह अपनी ही करंसी में गिरावट क्यो चाहता है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकियों से निपटने के लिए ही चीन ने यह चाल चली है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, बीजिंगThu, 12 Dec 2024 02:59 PM
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नए साल 2025 में 20 जनवरी को अमेरिका में सत्ता हस्तांतरण होने जा रहा है। मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की जगह डोनाल्ड ट्रम्प नए राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। उससे पहले ही अमेरिका का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी चीन अपनी करंसी युआन में भारी गिरावट कराने की सोची-समझी योजना पर काम कर रहा है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में यह सब कुछ तब हो रहा है, जब चीनी अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट झेल रही है और निर्यात के मोर्चे पर भी गिरावट देखी जा रही है। दरअसल, युआन को 2025 में कमजोर करने की चीन की मंशा के पीछे डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकी है।

ट्रम्प ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि उनके शासन में आते ही चीन पर ट्रेड टैरिफ बढ़ाकर 60 फीसदी तक किया जा सकता है। हालांकि, इन धमकियों और अटकलों के बीच ट्रम्प ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी अपने शपथ समारोह में आने के न्यौता भेजा है। जिनपिंग इस समारोह में शामिल होने वॉशिंगटन जाएंगे या नहीं, इस पर अभी संशय के बादल मंडरा रहे हैं।

चीन युआन को कमजोर क्यों कर रहा है?

चीन पहले से ही आर्थिक मंदी झेल रहा है। बावजूद इसके वह अपनी ही करंसी में गिरावट क्यो चाहता है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकियों से निपटने के लिए ही चीन ने यह चाल चली है। उनके मुताबिक चीन चाहता है कि युआन को कमजोर होने देने से चीन अपने निर्यात को सस्ता बना सकता है। इससे ट्रेड टैरिफ का भार कम हो सकता है। इसके साथ ही चीनी मुख्य भूमि में भी मौद्रिक व्यवस्था शिथिल हो सकती है।

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जानकारों के मुताबिक, चीनी मुद्रा युआन के कमजोर होने से चीन की अर्थव्यवस्था को भी मदद मिल सकती है, जो चुनौतीपूर्ण 5 फीसदी के आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचने और निर्यात आय को बढ़ाकर तथा आयातित वस्तुओं को अधिक महंगा बनाकर अपस्फीतिकारी दबावों को कम करने की कोशिशों में जुटा है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अगले साल युआन को कमजोर करने (मूल्यह्रास) की अनुमति देना विदेशी मुद्रा दर को स्थिर रखने की सामान्य प्रथा से अलग होगा। सूत्रों में से एक ने कहा कि हालांकि चीन का केंद्रीय बैंक (पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना-PBOC)के यह कहने की संभावना नहीं है कि वह अब करंसी की वैल्यू को बरकरार नहीं रख सकेगा। हालांकि, वह युआन के मूल्य को तय करने में बाजारों को अधिक शक्ति देने पर जोर दे रहा है।

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