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'खाली खजाने' की वजह से सुक्खू सरकार ने खत्म की 'डिस्काउंट वाली एक स्कीम'

  • हिमाचल पर्यटन विकास निगम कुल 55 होटल का संचालन कर रहा है। इनमें से 35 होटल घाटे में चल रहे हैं और सिर्फ 20 होटल ही अच्छी कमाई कर रहे हैं। राज्य सरकार ने यह जानकारी इसी महीने शिमला में आयोजित विधानसभा के मॉनसून सत्र में दी थी।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, शिमला, हिमाचल प्रदेशFri, 13 Sep 2024 04:39 PM
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हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के होटलों में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पिछले छह महीने से मिल रहा डिस्काउंट खत्म कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार की ओर से शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए गए। इसी साल मार्च महीने से पर्यटन विकास निगम के होटलों में ठहरने पर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को 30 से 50 प्रतिशत की छूट मिल रही थी। अब सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक पत्रकारों को यह छूट नहीं मिलेगी। जानकारी अनुसार सूबे में चल रहे आर्थिक संकट की वजह से यह फैसला लिया गया है।

मार्च महीने से दिया जा रहा था डिस्काउंट

पत्रकारों को यह सुविधा बीते मार्च महीने से मिल रही थी। दरअसल पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और विधायक आरएस बाली ने पत्रकारों और सेना में सेवारत हिमाचली सैनिकों को टूरिज्म के होटलों में रहने पर डिस्काउंट देने की घोषणा की थी। इसे लेकर राज्य सरकार ने 25 मार्च 2024 को अधिसूचना जारी की थी जिसके तहत ऑफ सीजन में टूरिज्म के होटलों में ठहरने पर 50 प्रतिशत और ऑन सीजन में 30 प्रतिशत डिस्काउंट दिया जा रहा था। साथ ही होटल में रुकने वाले पत्रकारों व सैनिकों को खाने पर अतिरिक्त 30 प्रतिशत का भी डिस्काउंट दिया जा रहा था।

हालांकि प्रदेश में जारी वर्तमान आर्थिक संकट को देखते हुए अब प्रदेश सरकार ने अपनी इस अधिसूचना को वापस ले लिया है। हालांकि नई अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि मान्यता प्राप्त पत्रकारों को टूरिज्म के होटलों में खाने पर पहले से मिल रही 25 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी।

HPTDC के 55 में से 35 होटल घाटे में

पर्यटन विकास निगम कुल 55 होटल का संचालन कर रहा है। इनमें 35 होटल घाटे में चल रहे हैं और सिर्फ 20 होटल ही अच्छी कमाई कर रहे हैं। यह जानकारी राज्य सरकार ने इसी महीने शिमला में आयोजित विधानसभा के मॉनसून सत्र में भाजपा विधायक सुखराम चौधरी के सवाल के जवाब में दी थी, जबकि इससे पहले फरवरी माह में हुए बजट सत्र में सरकार ने सदन को सूचित किया था कि टूरिज्म के 24 होटल फायदे और 31 घाटे में चल रहे हैं।

घाटे में चलने की वजह से होटल कर्मचारियों को वेतन भी हर महीने देरी से ही मिल रहा है। निजी होटलों के साथ प्रतिस्पर्धा में HPTDC के होटल पिछड़ रहे हैं और लगातार बुकिंग कम आ रही है। टूरिज्म के होटलों में स्टाफ की कमी और प्रचार नहीं होना भी कारोबार में गिरावट की मुख्य वजह मानी जा रही है। खास बात यह है हिमाचल प्रदेश में टूरिज्म महकमा खुद मुख्यमंत्री के पास है, जबकि पर्यटन विकास निगम की जिम्मेदारी कैबिनेट रैंक के साथ बतौर अध्यक्ष तेज तर्रार विधायक रघुबीर सिंह बाली सम्भाल रहे हैं।

घाटे में चल रहे पर्यटन विकास निगम के ये होटल

राज्य सरकार द्वारा फरवरी महीने में सदन में दी गई जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के जो होटल घाटे में हैं, उनमें जिला बिलासपुर का हिल टॉप होटल शामिल है। इसके अलावा जिला चंबा का होटल इरावती, होटल चंपक, होटल गीतांजलि, होटल मणिमहेश, जिला कांगड़ा का होटल धौलाधार, होटल कश्मीर हाउस, होटल कुणाल, होटल ज्वालाजी, होटल नूरपुर, होटल यात्री निवास, जिला कुल्लू में होटल सरवरी, होटल सिल्वर मून, होटल मनालसू, होटल हडिंबा, जिला लाहौल स्पीति में होटल चंद्रभागा, होटल स्पीति, जिला मंडी में टूरिस्ट इन, सुकेत, होटल उहल, होटल ममलेश्वर, जिला शिमला में होटल गोल्फ ग्लेड, होटल चांशल, गिरी गंगा रिजॉर्ट, होटल एप्पल ब्लॉसम, जिला सिरमौर में टूरिस्ट इन राजगढ़, होटल यमुना, जिला सोलन में होटल बाघल, होटल शिवालिक और जिला ऊना में होटल चिंतपूर्णी हाइट्स नुकसान झेल रहे हैं।

रिपोर्ट : यूके शर्मा

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