Hindi Newsहरियाणा न्यूज़Haryana Cabinet formation illegal claims filled petition in Punjab and Haryana High Court, Bench issues notice

'हरियाणा में मंत्रिमंडल का गठन असंवैधानिक', हाई कोर्ट में दी गई चुनौती; केंद्र और राज्य से जवाब तलब

एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका दायर कर बताया कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Tue, 5 Nov 2024 07:30 PM
share Share

हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या के 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ पंजाब एवं हरि​याणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को जवाब तलब किया है। सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल ने पीठ को बताया कि इस विषय पर पहले भी एक याचिका दायर की गई थी और सरकार ने उसमें जवाब दायर कर रखा है। सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागु एवं जस्टिस अनिल खेत्रपाल की खंडपीठ ने इस याचिका को पहले से विचाराधीन याचिका के साथ 19 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों को अगली सुनवाई पर अपना पक्ष रखने का भी आदेश दिया।

कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, इस समय 14 मंत्री

एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका दायर कर बताया कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है। ऐसे में संविधान संशोधन के अनुसार कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, यह संविधान के संशोधन का उल्लंघन है।

विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई

याचिका में भट्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार और हरियाणा विधानसभा को भी प्रतिवादी बनाया है। उनका आरोप है कि हरियाणा सरकार ने जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटी है, उसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनको भुगतान जनता की कमाई से किया जाता है।

ये भी पढ़ें:इस साल कम जली पराली, फिर भी दिल्ली के आसमान पर छाई धुएं की चादर
ये भी पढ़ें:सैनी ने दी हरियाणा के नौकरीपेशा लोगों को दिवाली गिफ्ट, DA में 3% का इजाफा
ये भी पढ़ें:OBC से 5 मंत्री, दलितों को भी सम्मान; सैनी कैबिनेट में जाट की कितनी हिस्सेदारी
ये भी पढ़ें:कभी नहीं कहा CM बनना चाहता हूं, सैनी सरकार में मंत्री बनने के बाद अनिल विज

याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि तय संख्या से अधिक मंत्रियों को हटाया जाए। इसके साथ ही याचिका लंबित रहते उनको मिलने वाले लाभ पर रोक लगाई जाए। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को तय की है।

(रिपोर्ट: मोनी देवी)

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें