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Hindi Newsहरियाणा न्यूज़haryana assembly demands 107 villages from punjab in chandigarh claim controversy

चंडीगढ़ पर हक चाहिए तो 107 गांव वापस दो; पंजाब से हरियाणा ने मांग लिए कौन से इलाके

  • सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि सभी दलों को इस मामले में एकजुट होकर साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनने का विरोध करना गंभीर मामला है। इसमें आप सभी लोग दल से परे होकर साथ दें। इस पर बात करते हुए भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को चंडीगढ़ पर दावा नहीं छोड़ना चाहिए।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़Wed, 20 Nov 2024 02:57 PM
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हरियाणा विधानसभा में राजधानी चंडीगढ़ पर नियंत्रण का सवाल उठा है। नया विधानसभा परिसर चंडीगढ़ में बनाने के फैसले का पंजाब सरकार ने विरोध किया है और इसे लेकर हरियाणा विधानसभा में भी चर्चा हुई है। मंगलवार को इस बारे में लंबा मंथन चला और सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि सभी दलों को इस मामले में एकजुट होकर साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में नई विधानसभा बनने का विरोध करना गंभीर मामला है। इसमें आप सभी लोग दल से परे होकर साथ दें। वहीं इस पर बात करते हुए पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को चंडीगढ़ पर दावा नहीं छोड़ना चाहिए।

भूपिंदर हुड्डा ने कहा, 'सरकार को चंडीगढ़ पर अपने अधिकार से पीछे नहीं हटना चाहिए। विधानसभा वहीं बननी चाहिए, जहां जमीन का आवंटन हुआ है। उसे दूर नहीं ले जाना चाहिए। इसके अलावा पंजाब के साथ पानी के बंटवारे और हिंदी भाषी गांवों पर अधिकार के मसले को भी जोरदारी से रखना चाहिए।' उनके अलावा कांग्रेस के सीनियर लीडर अशोक अरोड़ा ने भी कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी बराबर अधिकार है। अरोड़ा ने कहा, 'चंडीगढ़ दोनों राज्यों की साझा राजधानी है। यह तब रहेगी, जब तक पंजाब हमें अबोहर और फाजिल्का के 107 हिंदी भाषी गांव नहीं दे देता। उन्होंने हमारे पानी के हिस्से को भी नियंत्रण में रखा है।'

अरोड़ा ने कहा कि सतलुज-यमुना लिंक नहर के माध्यम से ऐसा हो रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश भी जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के नेता अकसर गैर-जिम्मेदाराना बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने नए विधानसभा परिसर के बदले में पंजाब को किसी तरह के धन या फिर जमीन नहीं देनी चाहिए। इस बहस पर विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण ने कहा कि इस पर सभी दलों को मंथन करना चाहिए। जब तक सर्वदलीय मीटिंग में इस पर चर्चा नहीं होती, तब तक असेंबली में भी इस पर चर्चा नहीं कराई जा सकती।

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सीएम सैनी ने कहा कि पंजाब के नेताओं ने तो सतलुज-यमुना लिंक नहर के मसले का भी राजनीतिकरण किया है। ऐसा तब हुआ है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के किसानों के हित में फैसला सुनाते हुए कहा है कि उनका भी जल पर अधिकार है। इस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी किनारे लगाने का मामला देश में पहली बार दिखता है। अब तो वे लोग चंडीगढ़ में हमारी नई विधानसभा बनने का भी विरोध कर रहे हैं। हमारे यहां 2026 में परिसीमन होना है और उससे पहले हम नई विधानसभा बना रहे हैं ताकि ज्यादा संख्या में विधायकों के बैठने की व्यवस्था बन सके। उन्होंने कहा कि विधानसभा में एकमत से जो फैसला होगा, उस पर हम आगे बढ़ेंगे।

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