हरियाणा की 70 फीसदी आबादी के पास कैसे बीपीएल कार्ड, जांच कराएगी नायब सिंह सैनी सरकार
- राज्य सरकार का कहना है कि हम एक स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से इसकी जांच कराएंगे। अब तक हरियाणा में सेल्फ डिक्लेरेशन यानी कोई खुद ही यदि कहे कि वह बीपीएल है तो ऐसा मान लिया जाता था। अब जबकि इस आंकड़े पर सवाल उठे हैं तो सरकार ने जांच कराने की बात कही है।
हरियाणा में 1.98 करोड़ लोग बीपीएल के दायरे में है। यह संख्या राज्य की 70 फीसदी आबादी के करीब है। एक तरफ हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय दूसरे नंबर पर है तो वहीं इतनी बड़ी संख्या में बीपीएल कार्ड धारक कैसे बन गए। यह एक अहम सवाल है। अब हरियाणा सरकार ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। राज्य सरकार का कहना है कि हम एक स्वतंत्र एजेंसी के माध्यम से इसकी जांच कराएंगे। अब तक हरियाणा में सेल्फ डिक्लेरेशन यानी कोई खुद ही यदि कहे कि वह बीपीएल है तो ऐसा मान लिया जाता था। अब जबकि इस आंकड़े पर सवाल उठे हैं तो सरकार ने जांच कराने की बात कही है।
राज्य के पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम के अनुसार हरियाणा में बीते दो सालों के अंदर ही 75 लाख नए बीपीएल कार्ड धारक जुड़ गए। यह बड़ा आंकड़ा है और चौंकाने वाला है। ऐसी स्थिति तब है, जबकि हरियाणा देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों के मुकाबले भी हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय के मामले में अच्छी स्थिति है। फिर भी इतने बड़े पैमाने पर लोगों का बीपीएल में आना सवाल पैदा करता है। इस मामले में अब राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर का कहना है कि वह सीएम नायब सिंह सैनी से बात करेंगे और इस मामले की जांच कराई जाएगी।
सूबे में दिसंबर 2022 तक 1.24 करोड़ लोग ही बीपीएल के दायरे में थे। इस साल अब तक यह आंकड़ा लगभग दो करोड़ हो गया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतनी तेजी से बीपीएल कार्ड धारी कैसे बढ़ गए। माना जा रहा है कि पहले लोकसभा इलेक्शन और फिर विधानसभा चुनाव के चलते तेजी से कार्ड बनवाए गए। यही कारण था कि तेजी से आंकड़ा बढ़ा है। यह भी कहा जा रहा है कि शायद लाभार्थियों की बड़ी संख्या के चलते ही भाजपा को हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने का मौका मिला।
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